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सुपर कॉरिडोर और योजना 140 के 11 भूखंडों से ही कमाएंगे 800 करोड़

January 17, 2025

  • प्राधिकरण ने जारी किए अपनी सम्पत्तियों के टेंडर, 2 लाख स्क्वेयर फीट तक के विशाल भूखंड बेचेगा, अन्य आवासीय और फ्लैटों की बिक्री की भी उम्मीद

इंदौर। प्राधिकरण ने अपनी विभिन्न योजनाओं में खाली पड़े भूखंडों-फ्लेटों के टेंडर जारी किए हैं, जिनमें सुपर कॉरिडोर पर योजना 151 में शामिल 10 बड़े आकार के व्यवसायिक उपयोग के भूखंड भी शामिल हैं। इन भूखंडों का आरक्षित मूल्य ही प्राधिकरण ने लगभग 670 करोड़ रुपए तय किया है, तो इसके अलावा योजना 140 में भी एक बड़ा आवासीय सवाणिज्यिक भूखंड, जो कि लगभग 58 हजार स्क्वेयर फीट का है, उसका भी आरक्षित मूल्य 128 करोड़ रुपए तय किया है। यानी इन 11 भूखंडों से ही 800 करोड़ रुपए हासिल करने का लक्ष्य रखा है। हालांकि ये सभी भूखंड अभी बुलाए टेंडरों के जरिए एक साथ बिक पानी मुश्किल है। इसके अलावा आवासीय, औद्योगिक श्रेणी के छोटे भूखंडों के साथ बचे हुए फ्लेटों को भी बेचने के प्रयास किए जा रहे हैं। कुल मिलाकर एक हजार करोड़ रुपए की सम्पत्तियों के एक साथ टेंडर अभी जारी किए गए हैं।

अचल सम्पत्तियों के कारोबार में फिलहाल भले ही स्थिरता है, मगर यूजर मार्केट चल रहा है और कॉर्पोरेट कम्पनियां भी जमीनें खरीद रही है, जिसके चलते प्राधिकरण ने भी अपनी कई महत्वपूर्ण सम्पत्तियों के टेंडर जारी किए हैं। इसमें सबसे चर्चित और सफल योजना 140 भी शामिल है, जिसमें एक बड़े आकार का आवासीय सवाणिज्यिक भूखंड क्रमांक आरसीएम-16 भी बिक्री के लिए उपलब्ध है। सवा 2 लाख रुपए प्रति वर्गमीटर इसकी न्यूनतम दर प्राधिकरण ने तय की है। उसके मुताबिक ही 128 करोड़ रुपए से अधिक इसकी कीमत होती है। अब अगर टेंडर प्राप्त होता है तो इतनी या इससे अधिक राशि की उम्मीद है। इसी तरह योजना 151 सुपर कॉरिडोर में भी बड़े आकार के 10 भूखंडों के टेंडर जारी किए गए हैं, जिनकी न्यूनतम दर 84 हजार रुपए प्रति वर्गमीटर प्राधिकरण ने रखी है।


इसमें एक भूखंड तो लगभग 1 लाख 90 हजार स्क्वेयर फीट के विशाल आकार का भी है, जिसकी कीमत 150 करोड़ रुपए से ज्यादा है। इसी तरह 26 हजार से लेकर एक लाख स्क्वेयर फीट और ऐसे ही बड़े आकार के इन 10 भूखंडों की न्यूनतम दर से ही कीमत 670 करोड़ रुपए होती है। सुपर कॉरिडोर और योजना 140 के भूखंडों से ही 800 करोड़ रुपए तक हासिल हो सकते हैं। हालांकि ये सभी भूखंड एक साथ बिकना संभव नहीं है, वहीं पेट्रोल पम्प, औद्योगिक, आवासीय के साथ-साथ लोकल शॉपिंग के भूखंड भी योजना 78 अरण्य में जारी किए गए हैं, वहीं योजना क्रमांक 51 में भी 9 आवासीय भूखंड प्राधिकरण बेचेगा, जो कि 60 और 70 हजार रुपए प्रति वर्गमीटर की न्यूनतम दर पर हैं और ये भूखंड भी 800 स्क्वेयर फीट से लेकर 2 हजार स्क्वेयर फीट क्षेत्रफल के हैं।

दूसरी तरफ नगरीय प्रशासन और विकास विभाग के प्रमुख सचिव संजय शुक्ला ने कल प्राधिकरण दफ्तर पहुंचकर चल रहे प्रोजेक्टों की समीक्षा की। इस दौरान संभागायुक्त और प्राधिकरण अध्यक्ष दीपक सिंह, कलेक्टर आशीष सिंह, निगमायुक्त शिवम वर्मा, प्राधिकरण सीईओ आरपी अहिरवार सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। प्रमुख सचिव ने शहर की अर्थव्यवस्था को कैसे बढ़ाया जाए उस पर भी चर्चा की, जिसमें नए रोजगार के अवसर पैदा करने, शिक्षा, स्वास्थ्य, अस्पताल, ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में काम करने और चूंकि इंदौर बिजनेस का बड़ा केन्द्र है, तो उसमें और किस तरह से बदलाव किया जा सकता है। वहीं प्राधिकरण को भी सलाह दी कि उसके द्वारा किए जाने वाले प्रोजेक्टों के जरिए भी नए रोजगारों का सृजन होना चाहिए।

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