
नई दिल्ली। केंद्रीय कर्मचारियों (Central Employees) के लिए राहतभरी खबर है। ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (JCM) के लीडर ने साफ कहा है कि चाहे 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission:) की घोषणा में कुछ देरी क्यों न हो, लेकिन यह जनवरी 2026 से ही लागू होना चाहिए। उनका तर्क है कि हर वेतन आयोग का लाभ तय समय से ही दिया जाता है और कर्मचारियों को इसका पिछला बकाया भी मिलना चाहिए। यानी, भले ही सरकार इसकी अधिसूचना थोड़ी देर से जारी करे, लेकिन सैलरी बढ़ोतरी और भत्तों का असर जनवरी 2026 से गिना जाएगा। बता दें कि इससे केंद्र सरकार (Central government) के करीब 50 लाख कर्मचारी और 60 लाख पेंशनभोगी सीधे लाभान्वित होंगे।
क्या है डिटेल
बता दें कि शिव गोपाल मिश्रा, सचिव (स्टाफ साइड), नेशनल काउंसिल-ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (NC-JCM) ने NDTV प्रॉफिट से बातचीत में कही है कि केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की वेतनवृद्धि और पेंशन बढ़ोतरी का असर जनवरी 2026 से ही लागू होना चाहिए, भले ही इसकी घोषणा या लागू करने में कुछ देरी क्यों न हो। अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा कि वेतन बढ़ोतरी की प्रभावी तिथि 10 साल से आगे नहीं बढ़ाई जा सकती। यानी, 7वें वेतन आयोग की तरह ही 8वें वेतन आयोग के फायदे भी जनवरी 2026 से गिने जाने चाहिए, चाहे नोटिफिकेशन कब भी आए।
अखिल भारतीय रेलवे कर्मचारी महासंघ के महासचिव मिश्रा ने कहा, “इस प्रक्रिया में समय लगने की संभावना है। आयोग का गठन किया जाएगा और वह हितधारकों के साथ विचार-विमर्श करेगा और फिर अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करेगा। फिर इसे सरकार द्वारा अनुमोदित किया जाएगा… हमारा कहना यह है कि देरी के बावजूद, वेतन वृद्धि की प्रभावी तिथि 1 जनवरी, 2026 होनी चाहिए।” सातवें वेतन आयोग का उदाहरण देते हुए, मिश्रा ने याद दिलाया कि तब वेतन वृद्धि 1 जुलाई, 2016 से लागू की गई थी, लेकिन कर्मचारियों को जनवरी 2016 से शुरू होने वाले छह महीने का बकाया भुगतान किया गया था। “इसी तरह, कर्मचारियों को इस बार भी बकाया मिलना चाहिए।”
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