
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के पहलगाम (Pahalgam) में हुए आतंकी हमले (Terrorist Attacks) में 26 लोगों की जान जाने के बाद भारत (India) ने जिस जवाबी कार्रवाई को अंजाम दिया. इसे अब तक की सबसे निर्णायक सैन्य स्ट्राइक (Military Strike) माना जा रहा है. ऑपरेशन सिंदूर नाम से हुई इस कार्रवाई को लेकर भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने बड़ा खुलासा किया है. उपप्रमुख एयर मार्शल नरमदेश्वर तिवारी ने बताया कि महज 50 से कम हथियारों का इस्तेमाल कर भारत ने पाकिस्तान (Pakistan) को सीजफायर की मेज पर ला खड़ा किया.
एयर मार्शल नरमदेश्वर तिवारी ने कहा, “युद्ध शुरू करना आसान है, लेकिन खत्म करना उतना ही कठिन. और यही सबसे बड़ी चुनौती थी. चार दिन की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान मान गया कि आगे बढ़ना उसके लिए भारी पड़ेगा.”
एयर मार्शल तिवारी ने बताया कि वायुसेना के सामने ढेरों विकल्प थे, लेकिन अंतिम तौर पर 9 अहम टारगेट चुने गए. उन्होंने कहा, “हमें कई तरह के टारगेट विकल्प दिए गए थे. उनमें से चुनकर आखिरकार हमने 9 अहम टारगेट तय किए।.” उन्होंने आगे कहा कि इस पूरी रणनीति में Integrated Air Command and Control System ने सबसे बड़ी भूमिका निभाई. इसी सिस्टम ने भारत को शुरुआती झटके झेलने और फिर “मुंहतोड़ जवाब” देने की ताकत दी. जिसने पाकिस्तान को झुकने पर मजबूर कर दिया.
10 मई की सुबह भारतीय वायुसेना ने BrahMos-A (air-launched) क्रूज मिसाइलों से पाकिस्तान के कई एयरबेस को निशाना बनाया. पहले हमले रावलपिंडी के पास चकलाला एयरबेस और पंजाब प्रांत के सरगोधा में हुए. बाद में जैकोबाबाद, भोलारी और स्कर्दू बेस पर भी नुकसान की पुष्टि हुई. ये सभी ठिकाने पाकिस्तान के लिए रणनीतिक दृष्टि से बेहद अहम माने जाते हैं.
10 मई की दोपहर तक भारत ने पाकिस्तान की कई आक्रामक हरकतों को नाकाम कर दिया. इसके बाद पाकिस्तान के DGMO मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला ने भारतीय DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को सीधा फोन किया. विदेशी सचिव विक्रम मिस्री ने बाद में प्रेस ब्रीफिंग में पुष्टि की कि कॉल शाम 3:35 बजे (IST) हुआ. यही बातचीत संघर्षविराम की राह बनी.
भारत और पाकिस्तान ने 10 मई की शाम से जमीनी, हवाई और समुद्री मोर्चों पर संघर्ष रोकने पर सहमति जताई. लेकिन कुछ घंटों बाद ही जम्मू-कश्मीर और गुजरात में पाकिस्तानी ड्रोन देखे गए और भारतीय सेना ने उन्हें इंटरसेप्ट किया. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा, “भारत इन उल्लंघनों को बेहद गंभीरता से लेता है. हमारा जवाब बिल्कुल उपयुक्त और पर्याप्त होगा.”
चार दिन चले ऑपरेशन सिंदूर ने यह साबित कर दिया कि भारत की जवाबी कार्रवाई अब केवल प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि निर्णायक और रणनीतिक है. 50 से कम हथियारों में पाकिस्तान को झुकाना इस बात का सबूत है कि भारतीय वायुसेना और सेना किसी भी चुनौती के लिए पूरी तरह तैयार हैं.
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