
संयुक्त राष्ट्र । दुनिया में कोरोना महामारी की जिम्मेदारी और उस पर लग रहे वैश्विक आरोपों के बीच चीन ने यूएन में कहा है कि किसी भी देश पर बिना सही जानकारी के एकतरफा विरोध व कार्यवाही सही नहीं है । इस मामले में ‘कोविड-19 के बाद वैश्विक प्रशासन’ पर वर्चुअल बैठक की समाप्ति पर चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने सबसे पहले बोलते हुए कहा, ‘ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में मानवजाति के भविष्य को प्राथमिकता देने की जिम्मेदारी बड़े देशों पर ज्यादा है, शीत युद्ध की मानसिकता और वैचारिक पूर्वाग्रह को छोडि़ए और कठिनाइयों से उबरने के लिए साझीदारी की भावना से साथ आइए।’
रूस, सीरिया और अन्य देशों पर एक तरफा प्रतिबंध लगाने के लिए अमेरिका और यूरोपीय यूनियन पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय कानून की प्रभुता और पवित्रता की रक्षा करने के लिए एकतरफा प्रतिबंधों का विरोध करने की जरूरत है।’
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत के प्रवेश में रोड़े अटकाते रहे चीन ने कहा कि विश्व निकाय के शीर्ष अंग का विस्तार करने के लिए सुधारों पर गहरे मतभेद हैं। उसने एक ऐसे एकमुश्त समाधान (पैकेज सोल्यूशन) के लिए काम करने की इच्छा भी जताई जो सभी पक्षों की चिंताओं और हितों को समाहित कर सके। दरअसल, भारत, जापान, जर्मनी और ब्राजील के जी-4 समूह ने यूएनएससी में सुधारों में देरी पर चिंता व्यक्त की थी। चीन का यह बयान इसी संदर्भ में अब सामने आया है।
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