
लंदन । ब्रिटेन में अफ्रीकी नस्ल के एक बड़े चूहे को उसकी बहादुरी के लिए स्वर्ण पदक दिया गया है। यहां की एक चैरिटी संस्था ने इस चूहे के काम जिसमें कि कंबोडिया में कई बारूदी सुरंगों को हटाने में मदद शामिल है को आधार बनाकर यह स्वर्ण पदक उसे दिया है । इसके साथ ही बतादें कि इस पुरस्कार को जीतने वाला यह विश्व का पहला चूहा है। इस अफ्रीकी चूहे का नाम मागावा है और इसकी उम्र महज सात वर्ष है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस मागावा चूहे ने अपने सूंघने की क्षमता से 39 बारूदी सुरंगों का पता लगाया। मागावा का वजन महज 1.2 किलो है और वह 70 सेंटीमीटर लंबा है। इससे यह पता चलता है कि उसमें इतना वजन नहीं है कि वह बारूदी सुरंगों के ऊपर से गुजरे तो वे फट जाए। इसी खूबी के चलते उसने दक्षिण पूर्व एशियाई देश कंबोडिया में 15 लाख वर्ग फीट के इलाके को बारूदी सुरंगों से मुक्त बनाने में मदद की थी। इसके अलावा उसने 28 दूसरे ऐसे गोला बारूद का भी पता लगाया जो अभी तक फटे नहीं थे। इसलिए ब्रिटेन की चैरिटी संस्था पीडीएसए ने इस चूहे को सम्मानित किया है ।
कंबोडिया के माइन एक्शन सेंटर (सीएमएसी) का कहना है कि अब भी 60 लाख वर्ग फीट का इलाका ऐसा बचा है जिसका पता लगाया जाना बाकी है। बारूदी सुरंग हटाने के लिए काम कर रहे गैर सरकारी संगठन हालो ट्रस्ट का कहना है कि इन बारूदी सुरंगों के कारण 1979 से अब तक 64 हजार लोग मारे जा चुके हैं जबकि 25 हजार से ज्यादा अपंग हुए हैं।
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