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अमेरिका ने इजरायल के सहयोग से ईरान में घुसकर मारा अलकायदा सरगना

November 17, 2020


तेहरान । केन्या और तंजानिया में स्थित अमेरिकी दूतावासों पर आतंकवादी संगठन अलकायदा ने वर्ष 1998 में भीषण हमले किए थे, जिसका 22 साल बाद अमेरिका ने बदला पूरा किया है। इसमें इजरायल ने अमेरिका की मदद की। अमेरिकी दूतवास पर हुए अलकायदा के भीषण हमले में 224 लोग मारे गए थे। अबू मोहम्मद को इस हमले का मास्टरमाइंड माना जाता था।

अमेरिका की ओर से इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के जवानों ने ईरान की राजधानी तेहरान में छिपे अलकायदा के नंबर दो सरगना अबू मोहम्मद अल मस्त्री को इस हमले की वर्षगांठ पर मार गिराया। इस दौरान अलकायदा सरगना ओसामा बिना लादेन की बहू भी मारी गई।

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अलकायदा के दूसरे नंबर के नेता 58 वर्षीय अबू मोहम्मद ऊर्फ अब्दुल्ला अहमद अब्दुल्ला को उसकी बेटी के साथ गत 7 अगस्त को तेहरान की सड़कों पर गोली मार दी गई। माना जा रहा है कि अमेरिका के बदले को इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के सीक्रेट दस्ते ने अंजाम दिया है। अफ्रीकी देश केन्या और तंजानिया में अमेरिकी दूतावास पर 9 अगस्त, 1998 को हुए भीषण हमले में 224 लोग मारे गए थे और हजारों लोग घायल हो गए थे।

अलकायदा के सरगना अबू मोहम्मद पर अमेरिका की जांच एजेंसी एफबीआई ने एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित किया था। अगस्त में इस हत्याकांड को अंजाम देने के बाद से अब तक न तो अमेरिका, न ईरान और न ही इजरायल ने इसे सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया था। यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि अबू मोहम्मद की हत्या में अमेरिका ने क्या भूमिका निभाई, लेकिन माना जाता है कि अमेरिका ने इतने सालों से ईरान में रह रहे आतंकी की हर गतिविधि पर नजर रखी हुई थी।

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अबू मोहम्मद की हत्या अभी तक रहस्य थी। रोचक बात यह थी कि ईरान के सरकारी मीडिया ने इस घटना की खबर दी थी और मारे जाने वाले व्यक्ति का नाम हबीब दाउद और उसकी 27 साल की बेटी मरियम बताया था। ईरानी मीडिया ने कहा कि हबीब दाउद लेबनान का इतिहास का प्रोफेसर था। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया कि दाउद नाम का कोई व्यक्ति मौजूद नहीं था और इस फर्जी नाम का इस्तेमाल ईरान की खुफिया एजेंसी के अधिकारी करते थे। ईरान के एजेंटों ने उसे शरण दे रखी थी।

बताया जा रहा है कि अलकायदा सरगना गत 7 अगस्त को अपनी कार से रात को 9 बजे कहीं जा रहा था। इस दौरान दो बंदूकधारियों ने उसकी कार रुकवाई और अबू मोहम्मद और उसकी बेटी को गोली मार दी। मरियम की शादी ओसामा बिना लादेन के बेटे हमजा बिन लादेन से हुई थी। हमजा पहले ही मारा जा चुका है। हमलावरों ने साइलेंसर लगी बंदूक का इस्तेमाल किया, जिससे किसी को हमले का अहसास नहीं हुआ। अभी तक इस हमले की किसी भी देश ने जिम्मेदारी नहीं ली है। अलकायदा ने भी अभी अबू मोहम्मद की मौत की घोषणा नहीं की है।

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