नई दिल्ली। लद्दाख में मौजूद आपस में जुड़ी हुई दो झीलों ‘स्तार्तासापुक सो’ और ‘सो कर’ को आर्द्रभूमि की सूची में शामिल किया गया है। रामसर प्रस्ताव संधि के तहत अंतरराष्ट्रीय महत्व के स्थलों की सूची में देश की एक और आर्द्रभूमि को शामिल कर लिया गया है। इसके साथ ही अब देश में रामसर आर्द्रभूमि की संख्या 42 हो गई है।गुरुवार को केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट कर बताया कि ये झीलें लद्दाख के चांगथांग क्षेत्र में मौजूद हैं। इनको अंतरराष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि की सूची में शामिल किया गया है। गौर करने वाली खास बात यह है कि ‘स्तार्तासापुक सो’ झील का पानी मीठा है और ‘सो कर’ का पानी खारा है जबकि ये दोनों झीलें आपस में जुड़ी हुई हैं। इसके साथ ही भारत में रामसर स्थलों की संख्या अब 42 हो गई है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved