भोपाल । केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन नये कृषि कानूनों के विरोध और दिल्ली की सीमा पर आंदोलनरत किसानों के समर्थन में मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी द्वारा अपने स्थापना दिवस के मौके पर सोमवार को राजधानी भोपाल में विशाल रैली निकाली और विधानसभा पहुंचकर मौन धरना दिया। पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के नेतृत्व में विधानसभा परिसर में पार्टी विधायक मौन धरने पर बैठ गए।
दरअसल, मध्यप्रदेश में सोमवार से विधानसभा का तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र प्रस्तावित था, जिसे रविवार देर शाम सर्वदलीय बैठक के बाद स्थगित कर दिया गया था। विधानसभा में कोरोना की स्थिति को देखते हुए किसी भी व्यक्ति को प्रवेश की अनुमति नहीं है। इधर, कांग्रेस के स्थापना दिवस के मौके पर कमलनाथ समेत सभी विधायक और कार्यकर्ता कांग्रेस कार्यालय में एकत्रित हुए और रैली निकालकर विधानसभा पहुंचे। विधानसभा में केवल विधायकों को ही प्रवेश दिया गया। अन्य लोगों को पुलिस ने गेट पर ही रोक दिया। अंदर पहुंचे विधायकों ने विधानसभा परिसर में मौन धरने दिया। इस दौरान सभी के हाथों में खिलौने वाले ट्रक थे।
इस दौरान पूर्व सीएम एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि सरकार में आने पर हम ऐसा कानून लाएंगे कि फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम पर बिक ही नहीं पाएगी। कांग्रेस ने हमेशा किसानों के हित में कदम उठाए हैं और किसानों द्वारा किए जा रहे आंदोलन का पूर्ण समर्थन करती है।
धरने पर बैठे पूर्व कृषि मंत्री और कांग्रेस विधायक सचिन यादव ने कहा कि सरकार इतनी डरी हुई है कि वह किसानों की आवाज को उठाने ही नहीं देना चाहती है। यही वजह है कि कांग्रेस के प्रदर्शन के मद्देनजर भोपाल की सीमाओं को चारों तरफ से सील कर दिया गया है। यहां तक कि विधानसभा में विधायक अपने सहायक को लेकर तक नहीं जा सकते हैं। यदि कृषि कानून इतने ही किसान हितैषी हैं तो फिर किसान दिल्ली की सीमा पर इतनी ठंड में विरोध प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं। हिस
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