
भोपाल। राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा खेलो इंडिया (Khelo India) कार्यक्रम के तहत प्रदाय की गई राशि में शिक्षकों ने करोड़ों रुपए का खेल करते हुए फर्जी भुगतान (Payment) कर लिए हैं। मार्च माह में जारी की गई इस राशि को 31 मार्च से पहले शिक्षकों ने फर्जी बिल लगाकर ठिकाने लगा दिया है। पूरे मप्र (MP) में एक लाख 10 हजार 237 प्रायमरी एवं मिडिल स्कूलों (Primary and middle Schools) के बच्चों को खेलो से जोडऩे के लिए विभिन्न खेल उपकरण खरीदने के लिए 70 करोड़ 19 लाख 40 हजार रुपए की राशि मार्च (March) के अंतिम सप्ताह (Week) से कुछ दिन पूर्व ही जारी की गई थी। मार्च (March) में राशि लेप्स न हो जाए,यह सोचकर अधिकांश शिक्षकों ने बगैर सामान खरीदे फर्जी बिल (Bill) लगाकर राशि का आहरण कर लिया। खेलो इंडिया (Khelo India) के तहत केन्द्र सरकार (Central government) के मानव संसाधन विकास मंत्रालय (Human Resource Development Ministry) द्वारा अगले पांच वर्ष तक प्रति वर्ष प्रायमरी विद्यालयों के लिए पांच हजार और मिडिल स्कूलों के लिए 10 हजार रुपए भेजी जाना है। राशि भेजने की शुरुआत वर्ष 2019-20 से हो चुकी है।
हाईस्कूल एवं हायर सेकेंडरी के लिए 25 हजार
खेलो इंडिया के तहत हाईस्कूल एवं हायर सेकंडरी स्कूलों के लिए भी 25-25 हजार की राशि प्रथक से प्रदाय की गई है। इसमें भी बच्चों के लिए खेल सामग्री खरीदने का प्रावधान किया गया है।
क्लोजिंग के चक्कर में खाते साफ
खेल सामग्री के लिए मार्च के अंत में राशि आने तथा 31 मार्च क्लोजिंग के चक्कर में शिक्षकों ने खाते साफ कर डाले। जल्दबाजी और जानकारी के अभाव में बगैर खेल सामग्री खरीदे फर्जी बिल लगाकर राशि आहरित कर ली गई।
खरीदनी थी खेल सामग्री
प्रदेश में 80 हजार 86 प्रायमरी स्कूलों को 5-5 हजार के मान से 40 करोड़ 4 लाख 30 हजार तथा 30 हजार 151 मिडिल स्कूलों को 10-10 हजार के मान से 30 करोड़ 15 लाख 10 हजार की राशि प्रदाय की गई है। इस राशि से विद्यालय में पढऩे वाले बच्चों के लिए आउट डोर एवं इंडोर गेम के लिए खेल सामग्री खरीदने का प्रावधान किया गया है।
52 जिलों में कुल स्कूल संख्या
स्कूल आंवटित राशि
80086 प्राथमिक स्कूल 40,04,30,000 रुपए
30151 मिडिल स्कूल 30,15,10,000 रुपए
110237 प्रायमरी व मिडिल 70,19,40,000 रुपए
इनका कहना है
मैं अभी असम में चुनाव ड्यूटी पर हूं। खेल इंडिया के तहत स्कूलों को जारी की गई राशि में गड़बड़ी की मुझे कोई जानकारी नहीं है। लौटकर आने के बाद ही कुछ कह पाऊंगा। अगर बगैर किट खरीदी की राशि का भुगतान करा लिया गया है तो उसकी जांच भी कराऊंगा।
धनराजू एस., संचालक, कौशल विकास, मप्र
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