
मुंबई। देश में एक ओर कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) कमी हुई पड़ी है, वहीं दूसरी ओर एक वैक्सीन बनाने और पैकेजिंग करने का प्लांट खाली पड़ा है, जिसका इस्तेमाल ही नहीं हो रहा। ये प्लांट है सरकारी कंपनी एचएलएल लाइफ केयर का, जो मूड्स कॉन्डोम (Moods condom) बनाती है। ये प्लांट तमिलनाडु के चेंगअलपट्टू में है, जो वैक्सीन मैन्युफैक्चरिंग के लिए इंट्रेस्टेड तो है, लेकिन उसे कोई भी प्राइवेट वैक्सीन मैन्युफैक्चरर (Vaccine Manufacturer) नहीं मिल रहा है।
पिछले ही हफ्ते HLL इफ केयर ने एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट (Expression of interest) यानी ईओआई को सबमिट करने की आखिरी तारीख बढ़ाई है। ये पांचवीं बार है जब ईओआई सबमिट करने की आखिरी तारीख बढ़ाई है, लेकिन कोई भी सरकार के इस प्लांट से वैक्सीन मैन्युफैक्चर (Vaccine Manufacture) कराने या फिर उसकी पैकेजिंग के लिए रुचि नहीं दिखा रहा है। इस बार एचएलएल शुक्रवार तक बोलियां स्वीकार करेगी।
HLL पूर्व कर्मचारियों ने कहा कि इस प्लांट का इस्तेमाल 2016 में डीपीटी, टिटननस और पेंटावेलेंस वैक्सीन की पैकिंग में हुआ करता था, लेकिन पता नहीं क्यों सरकार ने ऐसे कामों में इसका इस्तेमाल रोक दिया। मुमकिन है कि कंपनी को इस प्लांट से वैक्सीन की पैकेजिंग आदि के काम को कर के पर्याप्त पैसे ना मिल रहे हों या फिर हो सकता है कि सरकार ने इस कंपनी जरूरी वर्किंग कैपिटल मुहैया नहीं कराई हो।
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