
नई दिल्ली। नए आईटी रूल्स (New IT Rules)लागू होने के बाद से केंद्र सरकार (central government)और ट्विटर (Twitter) में तनातनी का माहौल है. इस बीच सूचना व प्रौद्योगिकी से संबंधित संसद की स्थायी समिति (Standing Committee of Parliament on Information and Technology) ने केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (Union Minister Ravi Shankar Prasad) और कांग्रेस सांसद नेता शशि थरूर (Congress MP leader Shashi Tharoor) का ट्विटर अकाउंट लॉक (twitter account lock) किए जाने के मामले में दो दिनों के अंदर जवाब मांगा है. समिति ने पूछा है कि रविशंकर प्रसाद और शशि थरूर के ट्विटर अकाउंट क्यों लॉक किए गए थे?
दरअसल, कथित कॉपीराइट उल्लंघन के लिए ट्विटर द्वारा आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद के अकाउंट बंद करने के बाद संसदीय पैनल के चेयरमैन शशि थरूर ने कहा था कि उनके साथ भी ऐसा ही हुआ था. थरूर ने समिति को निर्देश दिया था कि रविशंकर प्रसाद और उनके अकाउंट पर रोक लगाने को लेकर ट्विटर से जवाब मांगा जाए. इस बाबत अब ट्विटर से दोनों के अंदर जवाब देने के लिए कहा गया है.
ताबड़तोड़ दर्ज हो रहे हैं मुकदमे
हाल के दिनों में ट्विटर ने पहले भारत के उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू के अकाउंट से ब्लूटिक हटाने की हिमाकत की, फिर देश के आईटी मंत्री के ट्विटर अकाउंट को ही लॉक कर दिया. इसके बाद जम्मू-कश्मीर के नक्शे को देश के नक्शे से अलग करने वाली पोस्ट डाल दी. ट्विटर भले ही अमेरिका के कानून से चलता हो, लेकिन अब उसके खिलाफ भारत के कानून के हिसाब कार्रवाई शुरू हो गई है. शायद यही वजह है कि ट्विटर पर ताबड़तोड़ मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं.
यूपी के बुलंदशहर में जो शिकायत हुई है उसमें ट्विटर इंडिया के प्रमुख मनीष माहेश्वरी पर देश के आईटी नियमों के उल्लंघन के साथ-साथ लोगों में शत्रुता और घृणा को रोकने के लिए बनाए गए कानून तोड़ने का भी आरोप लगाया गया है. शिकायतकर्ता के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर को नक्शे से हटाने से भारत के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है. गलत नक्शा दिखाना देशद्रोह है.
दिल्ली में पॉक्सो एक्ट के तहत केस
वहीं, मंगलवार को दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने बच्चे से जुड़े अश्लील कंटेंट को लेकर ट्विटर के खिलाफ एक और केस दर्ज किया है. मामला गंभीर है क्योंकि पॉक्सो एक्ट और आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ है. ट्विटर इंडिया के बॉस को बुजुर्ग व्यक्ति पर हमले की जांच के सिलसिले में गाजियाबाद पुलिस पहले ही तलब कर चुकी है. हालांकि मामला अब कोर्ट में है.
फेसबुक से पूछा गया ये सवाल?
समिति के समक्ष मंगलवार को गूगल इंडिया और फेसबुक के प्रतिनिधि पेश हुए. समिति द्वारा फेसबुक से पूछा गया कि जैसे ट्विटर ने रवि शंकर प्रसाद को ब्लॉक किया, क्या आप लोग भी वैसा कर सकते हैं, जिसपर फेसबुक के प्रतिनिधि ने कहा कि हमारी ऐसी कोई पॉलिसी नहीं है.
गूगल कैसे तय करेगा, क्या संवेदनशील है क्या नहीं?
समिति के सदस्यों ने सवाल उठाया कि गूगल की कई चीजें ऐसी हैं जिन पर संदेह होता है. जिनमें से एक है कि गूगल हमें सुन रहा है. गूगल प्रतिनिधि ने भी माना कि वो कुछ बातें सुनते हैं, लेकिन संवेदनशील बातें नहीं. फिर समिति ने पूछा कि ये गूगल कैसे तय करेगा कि क्या संवेदनशील है क्या नहीं? इसके बाद तय हुआ कि आईटी मिनिस्ट्री इस गतिविधि पर संज्ञान लेगा. समिति में सर्वसम्मति थी कि सभी सोशल मीडिया ग्रुप्स को सरकार के दिशानिर्देश का पालन करना चाहिए.
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