भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

चैकिंग के नाम पर आमजन से अपराधी सा सलूक

  • ट्रैफिक पुलिस के दौहरे मापदंड

भोपाल। राजधानी की ट्रैफिक पुलिस (Traffic Police) इन दिनों हैलमेट चैकिंग (Helmet Checking) के नाम पर आमजनों से वसूली पर जुटी है। रोकते ही आम लोगों से अपराधियों का सलूक किया जा रहा है। हैलमेट (Helmet) होने पर कागजात होने पर वाहन की नंबर प्लेट में कमी बताकर चालान कटवाने को मजबूर किया जाता है। वहीं शहर में दौड़ रहे करीब चार हजार अवैध आपे, साढ़े तीन हजार अवैध मैजिक तथा ई रिक्शा (E-Rickshaw) चालकों को खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ाते देखने के बाद भी पुलिस नजर अंदाज करती है। भोपाल में चलने वाली कंडम बसों के खिलाफ भी लंबे समय से कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
जानकारी के अनुसार शहर में दौड़ रहे अधिकांश मैजिक वाहन बिना परमिट (Permit) चल रहे हैं। कई की हालत इतनी खस्ता है कि किसी भी दिन बड़ी दुर्घटना की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। वहीं स्टेशन से अस्सी फीट रोड होते हुए प्रभात चौराहे के बीच चलने वाले अधिकतर आपे की कमान नाबालिगों और अपराधिक प्रवृति के लोगों के हाथ में है। सभी बिना वर्दी और बेज के वाहन चला रहे हैं। बावजूद इसके इनके खिलाफ कार्रवाई न करना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है। यही हालात करोंद,गांधी नगर, भानपुर और रातीबढ़ में चलने वाले आपों का है। इधर, बस स्टैंड, भारत टॉकीज,भोपाल टॉकीज,काजीकैंप, कमला नगर, टीटी नगर और कोलार में चलने वाले ई रिक्शा अधिकतर नाबालिगों के हाथ में हैं, कई बार पुलिस के चैकिंग पाइंट से यह बेझिझक गुजरते हैं, यातायात पुलिस के जवान दो और चार पहिया वाहन चालकों के खिलाफ चालानी कार्रवाई में मगन रहती है। वहीं ई रिक्शा व ऑटो वालों से रोककर तजदीक करने की जहमत भी नहीं करती।

हो सकती है बड़ी चूक
उल्लेखनीय है कि 16 सितंबर 2015 की रात मिनी बस सवार ड्रायवर-कंडक्टर व एक अन्य ने चलती बस में महिला के साथ गैंग रेप किया था। इस दौरान आरोपी एक घंटे तक राजधानी की सड़कों पर बस को दौड़ाते रहे। इस दौरान आरोपियों ने यातायात पुलिस के कई चैकिंग पाइंट सहित चार थाना क्षेत्रों को क्रास किया था। बावजूद इसके पुलिस ने बस को नजर अंदाज किया, मामले का खुलासा हुआ तो साफ हुआ कि मामले में शामिल सभी आरोपी पुराने अपराधी थे। जिसके बाद में शहर में दौड़ रही बसों में चैकिंग के लिए स्कॉड का गठन किया गया। सभी थाना प्रभारियों को अपने-अपने क्षेत्र में प्रति दिन बसों का औचक निरिक्षण के आदेश तत्कालीन डीआईजी रमन सिंह सिकरवार ने दिए। चालक परिचालकों का पुलिस वैरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया। यातायात पुलिस को हर पाइंट पर बसों में चैकिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। वहीं भोपाल में बस,ट्रक, मैजिक,ऑपे, ऑटो तथा ई रिक्शा चलाने वालों का लंबे समय से वैरिफिकेशन नहीं कराया गया है। यातायात नियमों को तांक पर रखकर वाहन चलाने वालों के संबंध में जब एएसपी ट्रैफिक संदीप दीक्षित से बात करना चाही तो उन्होंने वीआईपी ड्यूटी का हवाला देकर मामले से पड़ला झाड़ लिया।

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