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झगड़े वाले करीब 100 परिवारों को समझाया

August 07, 2021

  • महिला एवं बाल विकास विभाग का वन स्टॉप सेंटर बना मददगार…फिर से मिलाया

उज्जैन। महिला एवं बाल विकास विभाग के उपक्रम वन स्टॉप सेंटर की मदद से इस वर्ष अब तक सौ परिवार टूटने से बच गए। सेंटर की सकारात्मक काउंसलिंग के कारण मतभेदों की दीवार टूटी और पति-पत्नी के बीच आई दरार भी दूर हो गई। एक प्रकरण में आयशा (परिवर्तित नाम) अपनी शिकायत लेकर इसी महीने वन स्टॉप सेंटर पहुंची थी। वह पति पर घरेलू हिंसा का प्रकरण दर्ज कराना चाह रही थी। इनके विवाह को तकरीबन 4 वर्ष हुए हैं और बच्चा भी है जिन्हें समझाकर साथ रहने को तैयार कर लिया गया।
वन स्टॉप सेंट की अधिकारी आभा शर्मा ने बताया कि महिला का कहना था कि उसका पति अक्सर मारपीट करता है। बच्चे के लिए दूध और दवाई का खर्चा ठीक से नहीं उठाता। सास और ननद का हस्तक्षेप रहता है, जिसके चलते पति-पत्नी में अकसर विवाद होता है। परामर्शदात्री द्वारा पति-पत्नी को परामर्श के लिए बुलाया गया। दोनों की शिकायतों और समस्याओं को सुनकर समाधान सुझाया। पति को किसी भी परिस्थिति में पत्नी पर हाथ न उठाने की सख्त हिदायत दी। साथ ही पत्नी को भी शाब्दिक प्रताडऩा न देने व गुस्सा न करने की समझाइश दी गई। लॉकडाउन के कारण उपजी आर्थिक समस्या से मिलकर निपटने की सलाह दी गई।एक अन्य प्रकरण में एक महिला अपनी शिकायत लेकर गत माह जुलाई में वन स्टॉप सेंटर आई थी। वह पति पर घरेलू हिंसा का प्रकरण दर्ज कराना चाह रही थी, साथ ही विधिक सहायता चाहती थी। उसके विवाह को मात्र एक साल ही गुजरा है। महिला ने बताया कि पति मारपीट करता है, मुंहबोली बहन के कहने पर चलता है। मेरी मां से ठीक तरह से बात नहीं करने देता। उक्त महिला पति से दूर अपनी मां के पास रह रही थी। इस पर दोनों पति-पत्नी को परामर्श के लिए बुलाया और उनकी समस्याओं को सुनकर समाधान सुझाया। पति की शिकायत थी कि पत्नी बदजुबानी करती है, जिससे वातावरण बिगड़ता है। इस पर महिला को भी सकारात्मक प्रयास करने की समझाइश दी गई। दोनों के मध्य लिखित समझौता होने के पश्चात दोनों सौहाद्र्रपूर्वक साथ में रहने के लिए सहमत हुए। सुश्री शर्मा ने बताया कि इस वर्ष 7 माह की अवधि में ही घरेलू हिंसा और पति पत्नी के बीच होने वाले विवादों के 100 मामलों का निपटारा वन स्टॉप सेंटर में कर दिया गया है और कुछ मामले बचे हैं जिन्हें भी जल्द आपसी समझाईश के बाद हल करवा दिया जाएगा। पिछले साल 2020 में पूरे वर्ष 700 मामलों का निपटारा आपसी सहमति और सौहाद्र्रपूर्ण वातावरण में कराया गया था और दंपत्ति समझाईश मिलने के बाद एक बार फिर खुशी-खुशी साथ रहने को तैयार हो गए थे। कोरोन महामारी के कारण लगे लॉकडाऊन में कई मध्यमवर्गीय और निम्न वर्ग के परिवारों की आर्थिक स्थिति बिगड़ चुकी है और ऐसे में मानसिक तनाव और आर्थिक परेशानियों के चलते पति-पत्नी के बीच इस तरह के झगड़े हो रहे हैं और वन स्टॉफ सेंटर पर मामला आने पर समझाईश दी जा रही है।

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