भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

महिलाओं के साथ साए की तरह रहेगी पुलिस… हर पल रखेगी पैनी नजर

भोपाल। मध्य प्रदेश पुलिस (Madhya Pradesh Police) लड़कियों और महिलाओं के साथ साये की तरह रहेगी। पुलिस ने अपने एम पुलिस एप (Police App) को अपडेट किया है। इसे 100-डायल (Dail 100) से जोड़ा गया है। एप में इस नए फीचर को क्लिक कर महिलाएं बिना पुलिस को मौके पर बुलाए अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकेंगी। इस फीचर को क्लिक करते ही डायल-100 (Dail 100) के कंट्रोल रूम (Control Room) से तब तक महिला की निगरानी की जाएगी, जब तक वह अपनी जगह तक सुरक्षित नहीं पहुंच जाती। एप के इस नए फीचर को शुरू होने में करीब 1 महीने का समय लगेगा। मध्य प्रदेश पुलिस के दूरसंचार विभाग ने महिलाओं की सुरक्षा को अब 100-डायल हेल्पलाइन से सीधे तौर पर कनेक्ट कर दिया है। उसने एम पुलिस एप (Police App) में नए फीचर जोड़े हैं। इनमें वॉच मी टिल सेफ डिस्टेंस फीचर (Watch Me Till Safe Distance Feature) खास है। महिलाएं इस फीचर का उस वक्त इस्तेमाल कर सकेंगी, जब वे खुद की निगरानी तो चाहती हैं, लेकिन पुलिस को मौके पर बुलाना नहीं चाहतीं। इस फीचर को चुनते ही डायल-100 के कंट्रोल रूम से महिला की निगरानी शुरू कर दी जाएगी।


इस तरह होती रहेगी निगरानी
एडीजी दूरसंचार, एसके झा ने बताया कि वॉच मी टिल सेफ डिस्टेंस से उन महिलाओं को मदद मिलेगी, जिन्हें लगता है कि वे जिस रास्ते से जा रही हैं, वहां खतरा है। इस फीचर को चुनते ही महिला का मोबाइल नंबर डायल-100 के कंट्रोल रूम तक पहुंच जाएगा। एप और मोबाइल के जरिए उसकी लोकेशन कंट्रोल रूम को दिखती रहेगी। कंट्रोल रूम से महिला के रूट पर नजर रखी जाएगी। महिला का रूट अलग होने, किसी स्थान पर अधिक देर रुकने या निर्धारित अवधि में दूरी तय नहीं होने पर महिला से संपर्क किया जाएगा। संपर्क होने के बाद भी निगरानी जारी रहेगी। लेकिन, फोन नहीं उठाने जैसी स्थिति बनने पर पुलिस तत्काल मौके पर पहुंच जाएगी। निगरानी में शहर में लगे सीसीटीवी कैमरों की भी मदद ली जाएगी। साथ ही, एक पाइंट से अगले पाइंट पर खड़ी डायल-100 को भी सूचना दी जाएगी। गंतव्य पर पहुंचने के बाद निगरानी बंद हो जाएगी।

अभी इंतजार करना होगा
एडीजी एसके झा ने बताया कि एप को तैयार करने से पहले देश में महिला अपराध की स्टडी की गई। इस फीचर को चुनते ही कुछ सेकंड का ऑडियो-वीडियो फोन में रिकॉर्ड हो जाएगा। कई बार महिलाएं वास्तविक स्थिति के बारे में बता ही नहीं बता पातीं, इस स्थिति में रिकार्डिंग से घटना को समझने में मदद मिलेगी। झा ने बताया कि डायल-100 के लिए नए टेंडर भी होने हैं। इसलिए अभी जनता के लिए इसे लांच नहीं किया गया है। पुलिस की आंतरिक व्यवस्था में इस एप का परीक्षण शुरू कर दिया गया है। जल्द ही इस सुविधा को नागरिकों के लिए शुरू कर दिया जाएगा।

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