उज्जैन। बीते दो दिनों से घरों की रसोई से भिनी खुशबू फैल (spreading fragrance from the kitchen) रही है। महंगाई के साये में पकवान बन रहे हैं। महालक्ष्मी के अन्नकूट (Annakoot of Mahalakshmi) की तैयारी में जुटी महिलाएं पकवान बनाने का काम अमूमन रात्रि के समय ही कर रही है। छोटे बच्चों को सुलाने,घर का रूटिन का सारा काम निपटाने के बाद परिवार की बुजूर्ग महिलाओं से लेकर बहु-बेटियां तक जुट जाती है गुझिया,मीठे और नमकीन पारे,बाखर बड़ी,चकली से लेकर चिवड़ा आदि बनाने में।
क्या कहती हैं गृहणियां…..
* शारदा गौड़ बताती है कि महंगाई बढ़ गई है, लेकिन अन्नकूट की तैयारी तो करना ही है। बच्चों का शोक पूरा हो जाए, इतना बना रहे हैं। परंपरागत पकवान के अलावा नया कुछ नहीं कर रहे।
* प्रिया भाटिया ने बताया कि मैदे और बेसन के मीठे तथा नमकीन आयटम ही बना रहे हैं इस बार। बाजार में किराना सामान के भाव लगातार बढ़ रहे हैं। तेल के भाव नीचे ही नहीं उतर रहे हैं। ऐेसे में रसोई को मैनेज करने में बड़ा कठिन लगता है। फिर भी त्यौहार तो मनाना ही है।
* रामकुंवर बाई ने बताया कि त्यौहार का उत्साह सबसे अधिक मध्यम एवं सामान्य वर्ग के परिवारों में होता है। खर्चा भी ये परिवार ही अधिक करते हैं। अब दिखावे का समय आ गया है। घर को सजाना जरूरी है। रसोई में भले ही पकवानों की जगह सामान्य चीजें बनें। दो साल कोरोना ने खराब कर दिए। इस साल बाजार अच्छा चला तो अगले वर्ष मनाएंगे दीपावली जोरदार तरीके से।
* कमला चौहान के अनुसार इस बार त्यौहार का उत्साह तो है लेकिन न तो पगार बढ़ी और न ही भत्ता मिला। प्रायवेट नौकरी है। नौकरी बची रही,यही संतोष की बात है। इसलिए इस बार सामान्य त्यौहार मना रहे हैं। बच्चो और अन्नकूट के लिए जरूर रसोई में पकवान बन रहे हैं।
* शीतल गुप्ता के अनुसार घर में सभी को कोरोना हुआ था। तब से आज तक शरीर कमजोरी महसूस करता है। न तो सासु मां और न ही देवरानी से बहुत अधिक बन रहा है। मैं स्वयं भी बीमार ही महसूस करती हूं। इस बार हमने बाजार से ही सारे आयटम खरीदे हैं। वही अन्नकूट में काम आएंगे और वही मेहमानों के लिए भी। उनके अनुसार परिवार में जो बच गए थे,वे डेंगू की चपेट में आ गए। ऐसे में रसोई में कुछ नहीं बना रहे।
गौतलब है कि वैश्विक महामारी कोरोना की लहर भले ही अभी थोड़ी थम सी गई हो, किन्तु तीसरी लहर की चिंता लोगों को फिर से डराने लगी है, क्योंकि जिस तरह देश सहित पूरी दुनिया में कोरोना के केसों में भी बढ़ोत्तरी हो रही है, यह आने वाले समय के लिए परेशानी कारण ही बन सकतीह है। ऐसे में दिनोंदिन बढ़ती महंगाई ने लोगों के लिए नई मुसीबत खड़ी कर दी है। यही कारण इस समय बढ़ती महंगाई ने रसाई का भी स्वाद बिगाड़ दिया है।
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