
पटना। बिहार (Bihar) में गांजा तस्करी (Ganja smuggling) की जो तरकीब अपराधियों ने निकाली है उसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे. दरअसल अब तस्करों ने गांजा एक जगह से दूसरे जगह भेजने के लिए ट्रेन (Train) को अपना जरिया बनाया है।
ट्रेनों में तकिये और बेडरोल (Cushions and bedrolls in trains) के रूप में गांजा का पैकेट बनाकर उसे एक जगह से दूसरे जगह भेजा जा रहा है. साउथ बिहार एक्सप्रेस में चेकिंग के दौरान तकिये और बेडरोल की शक्ल में गांजा को देखकर पुलिस के भी होश उड़ गए।
रेल पुलिस ने जमुई स्टेशन पर अचानक ट्रेन में छापेमारी की जिसके बाद पांच बैग बेडरोल और तकिये की शक्ल में सीट पर पड़े हुए मिले।
जब पुलिस ने पूछताछ की कि तकिये जैसे दिखने वाले बैग किसका है तो दो लोग सामने आए। उन्होंने कहा कि बैग उनका है. जब पुलिस ने उसे खोलकर देखा तो उनके होश उड़ गए. तकिये वाले बैग में 43 किलो गांजा पाया गया।
इसके बाद रेल पुलिस ने बैग के मालिक विजय चौधरी और राजीव कुमार को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस के मुताबिक दोनों तस्कर पश्चिम चंपारण के रहने वाले हैं. रेल पुलिस ने बताया कि दोनों बहुत बड़े तस्कर हैं और साउथ बिहार के माध्यम से गांजा लेकर आते-जाते हैं।
गांजा तस्करी के मामले में बड़ा खुलासा
रेलवे पुलिस को काफी दिनों से इन दोनों तस्करों की तलाश थी जो बेड और बिस्तर की शक्ल में गांजा को पैक करके सीट पर रखकर आराम से बिहार लाते थे।
किउल के रेल डीएसपी इमरान परवेज ने झाझा रेलवे स्टेशन पर प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि गांजा तस्कर ट्रेन में झांसुगोड़ा स्टेशन पर चढ़े थे और बिहार के बेतिया जा रहे थे. गांजा की ये सप्लाई बेतिया में होने वाली थी. दोनों ने एसी बोगी में अपने नाम का आरक्षण कर रखा था।
पकड़े गए गांजा की कीमत ढाई लाख रुपये से ज्यादा बतायी जा रही है. रेल पुलिस के मुताबिक एसी बोगी में ये लोग पहले भी गांजे की तस्करी कर चुके हैं।
रेल पुलिस के मुताबिक तस्करों ने पूछताछ में बताया कि बिहार में शराबबंदी के बाद गांजा की डिमांड बढ़ गई है और गांजा भी शराब की तरह तिगुनी कीमत पर मिल रहा है।
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