
भोपाल। प्रदेश में पिछले दिनों से हो रही बारिश और ओलावृष्टि से दो दर्जन से ज्यादा जिलों में फसलों को ज्यादा नुकसान पहुंचा है। शनिवार-रविवार को प्रदेश के कई हिस्सों में ओलावृष्टि ने तबाही मचाई है। इसको लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजधानी में अफसरों की आपात बैठक बुलाई और वीडियो कॉफ्रेंस के जरिए कलेक्टरों को नुकसान का जायजा लेने और सर्वे का काम तत्काल शुरू करने के निर्देश दिए। सीएम की बैठक खत्म होते ही आपदा प्रभावित जिलों के कलेक्टर गांवों की ओर दौड़ पड़े। कलेक्टरों ने राजस्व अमले के साथ प्रभावित गांवों में खेतों पर जाकर खुद नुकसान का आंकलन किया। प्रभावित गांवों का दौरा करने के बाद कलेक्टरों ने राज्य शासन को प्रारंभिक रिपोर्ट भी भेज दी है।
पाला और ओला ने किसानों की तोड़ी कमर
पिछले एक पखवाड़े के भीतर किसानों को दोहरी प्राकृतिक आपदा से जूझना पड़ रहा है। पिछले महीने 17 से 20 दिसंबर के बीच कई जिलों में शीत लहर की वजह से पाला पडऩे से फसलों को नुकसान पहुंचा। खासकर टमाटर की फसलें नष्ट हो गई। ओलावृष्टि से गेेहूं, चना, सरसों, मटर, मिर्च एवं अन्य फसलों को नुकसान पहुंचा है।
संकट में सरकार किसानों के साथ
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हाल ही में प्रदेश के कुछ जिलों के ग्रामों में हुई असमय वर्षा और ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को पहुँचे नुकसान का शीघ्र सर्वे किया जाए। मुख्यमंत्री चौहान ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जहाँ-जहाँ क्षति हुई है, तत्काल सर्वे कराया जाए। साथ ही क्षति का आकलन कर राहत राशि के भुगतान की व्यवस्था भी की जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि फसल बीमा योजना का लाभ दिलवाना भी सुनिचित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार संकट की घड़ी में हमेशा किसानों के साथ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी जिन किसानों की फसलों का नुकसान हुआ है, वे किसान संकट में हैं, लेकिन उन्हें इस संकट से निकालने का कार्य किया जाएगा। किसानों को चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है।
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