
उज्जैन। कान्ह नदी का दूषित पानी लगातार मिलने से पहले ही शिप्रा का पानी प्रदूषित है, ऊपर से लोग रामघाट पर भी साबुन से कपड़े धो रहे हैं और उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है। उल्लेखनीय है कि सौ करोड़ की कान्ह डायवर्शन योजना फेल हो चुकी है और इसके बावजूद लगातार कान्ह नदी का दूषित पानी शिप्रा में मिल रहा है। पिछले एक महीने से संत शिप्रा शुद्धि के लिए आंदोलन कर रहे हैं। दूसरी ओर पिछले दिनों बनाया गया मिट्टी का बांध ढह जाने के बाद से ही शिप्रा में लगातार दूषित पानी मिल रहा है। रामघाट पर शिप्रा का जल काला पड़ गया है। इसके बावजूद लोग इसे और प्रदूषित करने से बाज नहीं आ रहे हैं। घाट पर खुलेआम साबुन का उपयोग कर लोग कपड़े धो रहे और नहा रहे हैं जिन्हें रोकने वाला कोई नहीं है। इन्हें रोकने वाला कोई नहीं है।
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