
कटनी! जिले की बहोरीबंद तहसील (Bahoriband Tehsil) के खड़रा निवासी युवा कृषक शशांक पटेल ने परंपरागत खेती (traditional farming) की राह को छोड़कर शासन की योजनाओं का लाभ लेते हुए उद्यानिकी फसलों की ओर रूख कर अच्छा खासा मुनाफा कमाया है। परंपरागत खेती (traditional farming) करते रहे शशांक से उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने संपर्क किया और राष्ट्रीय कृषि विस्तार योजना में कलस्टर आधारित संरक्षित खेती की जानकारी दी। कृषक के सहमत होने पर उन्हें योजना में शेडनेट हाउस के लिये 28 लाख 40 हजार रूपये की सहायता उपलब्ध करवाई गई। इसमें 14 लाख 20 हजार रूपये का अनुदान शामिल है।
शशांक ने चालू वित्तीय वर्ष में ही एक एकड़ कृषि भूमि पर शेडनेट का निर्माण करवा कर शिमला मिर्च की खेती प्रारंभ की। एक साल में तीन बार की गई तुड़ाई में उन्हें पहली बार में 113 किलो, दूसरी बार में 56 किलो और तीसरी बार में 140 किलो शिमला मिर्च प्राप्त हुई। इस मिर्च को बेचने से शशांक को 2 लाख रूपये की आय हुई। उद्यानिकी खेती के क्षेत्र में शंशाक क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बना चुके हैं। उनका कहना है कि कम मेहनत में इतनी आमदनी उन्होंने पहली बार प्राप्त की है। राज्य सरकार के सहयोग से किये गये उनके इस नवाचार को देखने आस-पास के कृषक भी आ रहे है और उद्यानिकी खेती के लिये प्रेरित हो रहे हैं।
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