नागपुर । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (national meeting) इस वर्ष गुजरात में आयोजित की गई है। अहमदाबाद के समीप पिराणी स्थित सत्पथ प्रेरणा पीठ परिसर में 11 से 13 मार्च के दौरान यह प्रतिनिधि सभा होने वाली है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में हिन्दु नववर्ष, शिवाजी राज्याभिषेक दिन, गुरू पुर्णिमा, रक्षाबंधन, विजयादशमी, दीपावली और मकर संक्रांति ऐसे छह प्रमुख उत्सव मनाए जाते हैं। इसके साथ-साथ हिन्दु नववर्ष से पहले संघ में अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक बुलाई जाती है। हर तीन साल के बाद इस बैठक में सरकार्यवाह का चयन होता है। इसके अलावा साल में तीन बार संघ परिवार के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों की समन्वय बैठक होती है। इन बैठकों में होने वाला चिंतन और साझा हुए विचारों पर संघ की अगली दिशा और कार्य निश्चित किए जाते हैं।
अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में सरसंघचालक, सरकार्यवाह, सहसरकार्यवाह तथा अखिल भारतीय कार्यकारिणी तथा संघ परिवार के आनुषंगिक संगठन शामिल होते हैं। इसमें संगठन, जागरण, गतिविधि और निमंत्रित सदस्य ऐसी चार श्रेणियां होती हैं। संगठन श्रेणी में शारीरिक प्रमुख, बौद्धिक प्रमुख, व्यवस्था प्रमुख और घोष प्रमुख होते हैं। वहीं जागरण श्रेणी में संपर्क प्रमुख, सेवा प्रमुख तथा प्रचार प्रमुख ऐसी चार श्रेणियां है। गतिविधि श्रेणी में धर्मजागरण, परिवार प्रबोधन, गोसेवा, समरसता और ग्राम विकास ऐसी कुल 5 श्रेणियां हैं। वहीं नियमित और निमंत्रित सदस्यों की अपनी अलग व्यवस्था होती है।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी के अंतर्गत अखिल भारतीय कार्यकारी समिति होती है। इस समिति के तहत 11 क्षेत्रों की कार्यकारणी होती है। जिसमें क्षेत्र संघचालक के अलावा 10 से 12 पदाधिकारी काम करते हैं। राष्ट्रीय कार्यकारणी के बाद संघ में प्रतिनिधि अहम माने जाते हैं। प्रतिवर्ष होने वाली प्रतिनिधि सभा में संघ परिवार के 40 से अधिक प्रतिनिधियों को बुलाया जाता है। इन सारे प्रतिनिधियों का चयन स्वयंसेवक खुद करते हैं। प्रतिनिधि सभा में अनेक विषयों पर चर्चा होती है। आवश्यकता होने पर महत्वपूर्ण विषयों पर प्रतिनिधि सभा का मत व्यक्त करने के लिए प्रस्ताव भी पारित किए जाते हैं। एजेंसी/हिस
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