
उज्जैन। भगवान महाकालेश्वर के शिवलिंग के ऊपर इस साल भी ठंडे पानी की 11 मटकियां बांध दी गई हैं। मान्यता है कि भगवान शिव ने विषपान किया था। इसके चलते गर्मी के दिनों में विष की गर्मी बढ़ जाती है। इसको ठंडा रखने के लिए गलंतिका बांधी जाती है।
मंदिर की परंपरा के अनुसार वैशाख कृष्ण प्रतिपदा से ज्येष्ठ पूर्णिमा तक दो माह गलंतिका बांधी जाती है। मंदिर के पुजारियों के अनुसार भगवान शिव ने विषपान किया था। वैशाख व ज्येष्ठ मास में अत्यधिक गर्मी होती है। इससे विष की गर्मी भी बढ़ जाती है।
लिहाजा इसी दौरान गर्भगृह में शिवलिंग के ऊपर सतत् जलधारा के लिए 11 मटकियां हर साल बांधी जाती हैं। इन मटकियों से सुबह भस्म आरती से संध्या पूजन के पूर्व तक भगवान महाकाल पर जल की धारा प्रवाहित की जाती है। यह क्रम करीब दो महीने तक रहेगा।
पंडित दिनेश पुजारी बताते हैं कि वैशाख एवं ज्येष्ठ माह तपन के माह होते हैं। भगवान शिव के रुद्र एवं नीलकंठ स्वरूप को देखते हुए सतत शीतल जलधारा प्रवाहित करने से भगवान शिव प्रसन्न एवं तृप्त होते हैं। साथ ही प्रजा एवं राष्ट्र को भी सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं। गलंतिका महाकालेश्वर मंदिर में ही नहीं, बल्कि 84 महादेव एवं संपूर्ण भारतवर्ष में भी लगायी जाती है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved