मनोरंजन

आयुष्मान खुराना ने अपने कंधों संभाली फिल्म की पूरी कमान, देखने से पहले पढ़ें रिव्यू


मुंबई। फिल्म की कहानी उत्तर पूर्व भारत की पृष्ठभूमि पर काम कर रहे अनेक एक अंडरकवर एजेंट जोशुआ (खुराना) पर केंद्रित है, जो भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में शांति और राजनीतिक स्थिति को ठीक करने के मिशन पर है जहां काफी समय से दिक्कतें आ रही हैं। इस टास्क के दौरान जोशुआ की मुलाकात एंड्रिया केविचुसा से होती है जो नॉर्थ ईस्टर्न बॉक्सर हैं जिसे अपने सपने को पूरा करने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। वह भारत के लिए खेलना चाहती है। अब दोनों के अपने-अपने मकसद है और वहां की सिचुएशन को जोशुआ क्या करेंगे यही फिल्म में देखने को मिलेगा।

रिव्यू : जब बात कास्टिंग की आती है तो अनुभव सिन्हा ने नॉर्थ ईस्ट के कलाकारों की कास्टिंग, लोकेशन, डायलॉग, संघर्ष की गंभीरता को सही बारीकियों से दिखा है, लेकिन वह उन्हें एक कहानी में साथ में बुनने में फेल हो गई जो आपको बांधे रखे।

फर्स्ट हाफ थोड़ा लंबा : फिल्म का जो फर्स्ट हाफ है उसमें ऐसा कुछ रास्ता बनाया जा रहा है जो किसी डेस्टिनेशन तक नहीं पहुंचता है। फर्स्ट हाफ में फिल्म थोड़ी खिंची लगती है। मतलब जो मेन मुद्दा है उस पर कम फोकस किया गया। अनेक में देशभक्ति को दिखाया गया है और अच्छा है कि ये भाषावाद का रूप नहीं लेता है जो कि हिंदी फिल्मों में काफी आम होता है। जिस तरह से अनुभव ने नस्लीय दुर्व्यवहार और नॉर्थ ईस्ट के लोगों के साथ रोज हो रहे भेदभाव को दिखाया गया है वो बहुत शानदार है।


अच्छा सब्जेक्ट : इसके अलावा आप इस बात को भी नजरअंदाज नहीं कर सकते कि यह उन कमर्शियल फिल्मों में से एक है, जिसने उत्तर पूर्व की चिंताजनक स्थिति पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास किया है जिसके बारे में बहुत से लोग बात करते हैं लेकिन कोई भी वास्तव में गहराई तक जाने का साहस नहीं दिखाता है। आज के समय में अनेक एक महत्वपूर्ण कहानी है। बस स्क्रीनप्ले पर थोड़ा और फोकस होना चाहिए था। यहीं थोड़ी कमी दिखी।

परफॉर्मेंसेस : आयुष्मान खुराना ने अपना किरदार बखूबी निभाया। जहां सॉफ्ट नेचर होना चाहिए वहां उन्होंने वो किया और जहां एक टफ पुलिस वाले का किरदार निभाना था वो भी शानदार किया। एंड्रिया केविचुसा ने इस फिल्म के जरिए बॉलीवुड डेब्यू किया है और पहली फिल्म के हिसाब से उन्होंने अच्छी एक्टिंग की है। बाकी सपोर्टिंग स्टार कास्ट मनोज पाहवा और जेडी ने भी अच्छा काम किया है। उनके किरदार भी मेन किरदार की तरह ही मेहत्वपूर्ण है।

डायरेक्शन : अनुभव सिन्हा ने हमेशा की तरह बेस्ट डायरेक्शन किया है। किसी अलग और महत्वपूर्ण सब्जेक्ट को कैसे सेंसिटिव तरीके से वह दिखाते हैं, ऐसा सिर्फ वही कर सकते हैं। अनेक की ओवरऑल बात करें तो ये एक अच्छी फिल्म है, लेकिन सभी का इसमें इंट्रेस्ट आए ये शायद पॉसिबल नहीं है।

Share:

Next Post

पति की लंबी उम्र के लिए सावित्री ने 3 दिन तक रखा था व्रत, शुरूआत आज से लेकिन इस दिन होगी पूजा

Fri May 27 , 2022
नई दिल्‍ली । ज्येष्ठ महीने की अमावस्या (amaavasya) पर वट सावित्री व्रत किया जाता है। ये इस बार 30 मई को रहेगा। नारद पुराण में इसे ब्रह्म सावित्री व्रत भी कहा गया है। इस दिन सुहागिन महिलाएं (married women) पति की लंबी उम्र की कामना के साथ बिना कुछ खाए निर्जल व्रत (waterless fasting) करती […]