
कोलकाता । पश्चिम बंगाल सरकार (West Bengal Government) अब राज्यपाल के लिए (For the Governor) निजी विश्वविद्यालयों के दरवाजे बंद करने (Closing the Doors of Private Universities) पर विचार कर रही है (Is Considering) । सूत्रों ने बताया कि निजी विश्वविद्यालयों में राज्यपाल को अतिथि की कुर्सी से हटाने और उनकी जगह राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु को नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
राज्य शिक्षा विभाग के एक सूत्र ने कहा, “राज्य मंत्रिमंडल के सदस्यों ने इस पहल पर सैद्धांतिक रूप से सहमति व्यक्त की है और अब प्रस्ताव को मंजूरी के लिए अपनी अगली बैठक में रखा जाएगा, जिसके बाद सरकार विधानसभा के पटल पर इस मुद्दे पर एक विधेयक पेश करेगी।”
सूत्र ने कहा, अगर राज्यपाल विधेयक को पारित करने से असहमत होते हैं, तो राज्य सरकार एक अध्यादेश के माध्यम से नई प्रणाली पेश कर सकती है। राज्य सरकार पहले ही घोषणा कर चुकी है कि वह राज्यपाल को मुख्यमंत्री के साथ बदलने पर प्रस्तावित विधेयक के मामले में वे इस अध्यादेश के मार्ग को अपना सकते हैं। कैबिनेट ने 26 मई को प्रस्ताव को मंजूरी दी थी और उसी दिन बसु ने इस बारे में औपचारिक घोषणा की थी।
मौजूदा नियम के तहत राज्यपाल, जब निजी विश्वविद्यालयों के मेहमान के रूप में उपस्थित हों, अन्य शैक्षणिक विशिष्टताओं की डिग्री, डिप्लोमा, पुरस्कार और प्रमाणपत्र प्रदान करने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता कर सकते हैं। विपक्षी दलों ने इस फैसले की आलोचना की है और इस पहल को राज्य विश्वविद्यालयों की स्वायत्त प्रकृति को बर्बाद करने के रूप में वर्णित किया है। इस घोषणा की राज्य के शिक्षाविदों के एक वर्ग ने भी आलोचना की।
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