
इंदौर। 700 से ज्यादा मजदूरों का वेतन और पीएफ नहीं देने के मामले में थानेे पर मजदूरों ने कंपनी के कर्ताधर्ताओं के खिलाफ प्रदर्शन किया। उनका आरोप है कि कंपनी वाले अलग-अलग शहरों में कंपनी खोलकर मजदूरों का वेतन और पीएफ खा जाते हैं और बाद में कंपनी को दिवालिया बताकर दफ्तर बंद कर देते हैं। कंपनी ग्लूकोज बनाती है।
कल मजदूरों की भीड़ नौलखा स्थित पीडीएलएफ कंपनी के दफ्तर के बाहर दलित नेता मनोज परमार के साथ पहुंची और जमकर हंगामा किया। बताया जा रहा है कि हंगामा करने वालों में खरगोन जिले के कसरावद के मजूदर शामिल थे। उनका कहना है कि हमें 5 माह का वेतन और 31 माह का पीएफ नहीं मिला। उक्त कंपनी पहले इंदौर में थी, जिसका ऑफिस नौलखा और फैक्ट्री देवगुराडिय़ा में थी। इसके बाद यहां से ऑफिस और फैक्ट्री दोनों बंद हो गए और अगली ब्रांच गोवा में डाली गई। वहां से दिवालिया होकर कंपनी का दफ्तर देहरादून खोला गया। इसके बाद यहां से भी बंद कर भुवनेश्वर और होशियारपुर में कंपनी खुली।
कंपनी का दफ्तर राजस्थान में भी खुला। आरोप है कि दवाई के इंफेक्शन से कुछ मजदूरों की यहां मौत भी हो गई थी। अभी कंपनी कसरावद में चल रही थी। वहां भी बंद हो गई। मजदूरों की भीड़ कंपनी के मालिक विनोद गुप्ता से भी मिली। मजदूरों का कहना है कि विनोद कह रहा है कि कंपनी में उसके पार्टनर मनोहर गुप्ता और आदित्य गुप्ता भी हैं। कंपनी घाटे में चल रही है। वह कह रहा है कि कंपनी लोन लेकर बकाया चुकाएगी। इसके बाद सभी विनोद को लेकर भंवरकुआं थाने पहुंचे। टीआई ने मजूदरों के पैसे देने को कहा। इसके बाद तय हुआ कि थोड़ी-थोड़ी राशि का भुगतान 15-15 दिनों में किया जाएगा। इस बात की थाने पर लिखा-पढ़ी भी हुई।
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