
भोपाल। कंपनी को रजिस्ट्रेशन जारी करने से पहले उसके दफ्तर और पते का भौतिक सत्यापन जरुरी होगा। कार्पोरेट कार्य मंत्रालय ने यह आदेश जारी किया है। कंपनी को रजिस्ट्रेशन देने के पुराने नियमों में संशोधन कर दिया गया है। नए आदेश को बोगस कंपनियों को बोगस कंपनियों पर नियंत्रण करने वाला माना जा रहा है। पुरानी कंपनियों के पते का भी सत्यापन नए नियमों के तहत अब हो सकेगा। हालांकि इससे इंस्पेक्टर राज बढऩे की आशंका भी जताई जा रही है।
कार्पोरेट कार्य मंत्रालय ने 18 अगस्त को ही नए नियमों को अधिसूचित किया है। कंपनी अधिनियम 2013 की धाराओं में संशोधन कर नए नियम लागू कर दिए गए हैं। इसमें धारा 25 (ख) जोड़कर नियम बना दिया गया है कि रजिस्ट्रार पंजीयन के लिए आए आवेदन के दस्तावेजों के आधार पर कंपनी के कार्यालय का भौतिक सत्यापन करवाएगा। इसमें संबंधित कार्यालय का दौरा होगा। इसके लिए स्थानीय दो स्वतंत्र साक्षियों की मौजूदगी में सत्यापन किया जाएगा। रजिस्ट्रार कार्यालय का अमला इसमें पुलिस की मदद भी ले सकेगा। साथ ही उक्त कार्यालय का एक फोटो भी लिया जाएगा। भौतिक सत्यापन की रिपोर्ट भी एक तय फार्मेट में देना होगी। सत्यापन रिपोर्ट के प्रारुप में दर्शाना होगा कि उक्त कार्यालय पर दौरे के समय कौन पाया गया। व्यक्ति की पहचान और उसके ब्यौरे के साथ कार्यालय की संपत्ति का ब्यौरा यानी इसकी किराएदारी, मालिकी आदि का विस्तृत विवरण भी लिखना होगा। ऐसी कंपनी जहां भौतिक सत्यापन में कार्यालय नहीं मिलता वहां रजिस्ट्रार कंपनियों के निदेशकों को नोटिस भेजकर कंपनी के रजिस्ट्रेशन निरस्त करने की कार्रवाई कर सकेगा।
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