
मनीष तिवारी ने भी कहा – मैं कांग्रेस का किराएदार नहीं
नई दिल्ली। कांग्रेस (Congress) में नेतृत्व को लेकर उठा तूफान शांत होता नजर नहीं आ रहा है। गुलामनबी आजाद (Ghulamnabi Azad) के बाद पार्टी के एक और वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा (Anand Sharma) ने भी पार्टी छोडऩे का संकेत दिया है। इसके साथ ही कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने भी बागी सुर दिखाते हुए कहा कि मैं कांग्रेस का किराएदार नहीं हूं। कांग्रेस के चपरासी अब पार्टी के बारे में ज्ञान देते हैं।
आजाद और कपिल सिब्बल के बाद आनंद शर्मा ही ऐसे नेता थे, जो लगातार नेतृत्व को लेकर कांग्रेस पर हमलावर थे। कल उन्होंने एक बार फिर नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए आजाद के पार्टी छोडऩे के कदम को सही बताया। साथ ही कहा कि पार्टी में वरिष्ठों की उपेक्षा की जा रही है। वे भी राजनीतिक कॅरियर को लेकर आगे की रणनीति बनाने पर सोच रहे हैं।
आजाद की पार्टी बनने से घाटी के दलों को हानि, भाजपा को लाभ
कांग्रेस छोडऩे के बाद गुलामनबी आजाद नई पार्टी बनाते हैं तो मुस्लिम वोटों का विभाजन होगा और कश्मीर में मुस्लिम वोट बैंक वाली नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी का वोटबैंक खिसक सकता है। इससे पूरे प्रदेश में भाजपा को फायदा मिलने की उम्मीद है। हालांकि कांग्रेस को तो स्वभाविक रूप से नुकसान झेलना पड़ेगा। अगले महीने प्रधानमंत्री के जम्मू-कश्मीर आने की संभावना है और उसी समय आजाद अपनी नई पार्टी की घोषणा कर सकते हैं।
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