
भोपाल। प्रदेश शासन और स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से प्रौद्योगिकी विभाग के माध्यम से वैज्ञानिक नवाचारों को बढ़ावा देने और छात्रों को राष्ट्रीय मंच पर लाने के लिए इंस्पायर अवार्ड योजना का संचालन किया जा रहा है। लेकिन, इस ओर स्कूलों और शिक्षकों का रुझान बेहद कम है। जुलाई माह में शुरू हुई इस योजना के तहत प्रदेश में करीब सवा लाख स्कूलों में से केवल 26 हजार छात्रों ने नवाचार आइडिया अपलोड किए हैं। इस योजना में 6वीं से 10वीं कक्षा तक के विद्यार्थी ही सहभागिता कर सकते हैं। हाल ही में जारी की गई एक रिपोर्ट के अनुसार महज 10 फीसदी स्कूलों ने ही इसमें रुचि ली है। प्रदेश के सभी जिलों से 7741 आइडिया भेजे गए हैं।
आने थे तीन लाख आइडिया
जानकारों के अनुसार जिलों में विद्यालयों की संख्या के मान से प्रत्येक विद्यालय से कम से कम 5 आइडिया पर काम होना था। इस लिहाज से प्रदेशभर से 3 लाख से अधिक आइडिया भेजे जाने थे। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इसका एक कारण विभाग के अधिकारियों की ओर से स्कूलों और बच्चों को जागरूक नहीं करने को माना जा रहा है। आयुक्त स्कूल शिक्षा ने योजना को गम्भीरता से नहीं लेने पर जिला शिक्षा अधिकारी, जिला नोडल अधिकारी इंस्पायर अवॉड योजना प्रभारी, एडीपीसी, जिला विज्ञान अधिकारी पर नाराजगी दर्ज की है। उन्होंने योजना की समीक्षा कर 30 सितंबर तक काम करने के निर्देश दिए हैं।
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