
बैंकाक । म्यांमार (myanmar) की सैन्य सरकार ने मंगलवार को उन खबरों का खंडन किया, जिसमें दावा किया गया था कि सेना (army) ने देश के अशांत उत्तर मध्य क्षेत्र के स्कूल (school) पर हवाई हमले (air strike) को अंजाम दिया है. सेना ने तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने के लिए मीडिया को जिम्मेदार ठहराया. सत्तारूढ़ सैन्य परिषद के प्रवक्ता मेजर जनरल जॉ मिन तुन (Major General Jae Min Tun) ने राजधानी नेपीता में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में स्वीकार किया कि पिछले शुक्रवार से सागाइंग क्षेत्र के ताबियिन टाउनशिप में लड़ाई चल रही है. हालांकि, उन्होंने सरकार के सशस्त्र विरोधियों को हताहतों के लिए जिम्मेदार ठहराया. इस हमले में स्कूल में रह रहे बच्चों सहित छह वयस्क ग्रामीण भी हताहत हुए हैं.
चश्मदीदों ने बताया कि दो हेलीकॉप्टर में बैठे लोगों ने मशीनगन से लेत येत कोने गांव स्थित बौद्ध मठ के स्कूल पर गोलीबारी की. इस स्कूल में 20 स्वयंसेवक, 240 विद्यार्थियों को किंडरगार्टन से आठवीं कक्षा तक पढ़ाते हैं. स्कूल प्रशासन ने बताया कि करीब 80 सैनिक मठ में आए और गोलीबारी की. प्रशासिका जिन्होंने अपना छद्म नाम मार मार बताया ने कहा कि इस गोलीबारी में 30 बच्चे घायल हो गए. जबकि 20 अन्य बच्चों को तीन शिक्षकों के साथ सैनिक अपने साथ ले गए.
लोकतंत्र समर्थक विद्रोहियों और उनके सहयोगियों पर सैन्य सरकार के हमलों में अक्सर नागरिक हताहत होते हैं. हालांकि, पिछले शुक्रवार को सागाइंग क्षेत्र के ताबायिन टाउनशिप में हवाई हमले में मारे गए बच्चों की संख्या पिछले साल फरवरी में सेना द्वारा सत्ता पर कब्जा करने के बाद से सबसे अधिक दिखाई दी. सेना के अधिग्रहण ने देश भर में बड़े पैमाने पर अहिंसक विरोध शुरू किया. सेना और पुलिस ने घातक बल के साथ जवाब दिया. इस महीने यूनिसेफ द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, सागाइंग में लड़ाई विशेष रूप से भयंकर रही है, जहां सेना ने कई आक्रामक अभियान शुरू किए हैं. कुछ मामलों में गांवों को जला दिया गया है, जिसमें आधे मिलियन से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं.
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved