
नई दिल्ली। करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. इस बार रविवार 24 अक्टूबर 2021 को ये व्रत रखा जाएगा. आपने देखा होगा कि करवा चौथ (Karwa Chauth) पर सुहागिन महिलाएं छलनी से पति का चेहरा देखती हैं. क्या आपने कभी सोचा कि वे ऐसा करती क्यों हैं. पति की लंबी उम्र और अखंड सौभाग्यवती (Akhand Saubhagyavati) का आशीर्वाद प्राप्त करने हर सुहागिन करवा चौथ का व्रत रखती हैं. दिनभर निर्जला व्रत के बाद वे चांद का दीदार करती हैं और फिर व्रत खोलती हैं. यह व्रत पूरे विधि-विधान के साथ होता है. इस व्रत के दौरान महिलाएं अपने पति का चेहरा छलनी से देखती हैं. आइए जानते हैं छलनी से चेहरा देखने का महत्व (Importance) और इसका क्या है कारण..
करवा चौथ पर छलनी का महत्व
करवा चौथ की पूजा (Worship) की थाली में छलनी का काफी महत्व होता है. महिलाएं पूजा की थाली के साथ छलनी को भी सजाती हैं. फिर जब शाम में वे व्रत खोलती हैं तो इसी छलनी से पति का चेहरा देखती हैं. इस दौरान वे छलनी में दीपक भी रखती हैं. छलनी से पति का मुंह देखने के बाद पति अपने हाथों से पत्नी को पानी पिलाते हैं और फिर यह व्रत पूर्ण हो जाता है. इस व्रत में छलनी का विशेष रूप से महत्व है.
करवा चौथ के व्रत के प्रताप से जीवित हुआ पति
इसके बाद एक साल बार जब करवा चौथ का दिन आया तो वीरवती ने एक बार फिर विधि-पूर्वकर करवा चौथ का व्रत रखा और पूरे नियम का पालन किया. इससे मां प्रसन्न हो गई और वीरवती के पति को जीवित कर दिया. यही कारण है कि सुहागिन महिलाएं छलनी और दीपक को लेकर उगते चांद को देखती हैं ताकि उनके साथ किसी तरह का छल न हो सके और उनकी पूजा विधि-पूर्वक संपन्न हो सके.
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