आचंलिक

उफनती नदी में चालक ने यात्रियों की जान जोखिम में डालकर निकाली बस

सिरोंज। 3 दिनों से बारिश का दौर निरंतर जारी है गुरुवार – शुक्रवार की रात्रि में झमाझम बारिश होने के कारण अधिकांश ग्रामों के नाले नदियां उफान पर हो गई पंचकुइया नदी भी टकराकर चल रही थी इसके कारण निचली बस्ती में रहने वाले लोगों की रात बड़ी मुश्किल से निकली उन्होंने जागकर काटी कई लोगों के घरों में पानी भर गया। ग्राम दीपनाखेड़ा में एक बस चालक ने यात्रियों की जान को जोखिम में डालते हुए उफनती नदी में से बस को निकाल दिया गनीमत रहेगी बस निकल गई नहीं तो कोई बड़ी भी जन हानि हो सकती थी। कई बार उफनती नदियों में वाहन निकालने के दौरान दुर्घटनाएं घटित हो चुकी है फिर भी इस तरह की लापरवाही चालक के द्वारा की है । इस ओर अधिकारियों को ध्यान देना चाहिए कि यात्रियों की जान के साथ इस तरह से खिलवाड़ किसी को नहीं करना चाहिए।
इस महीने में हुई रिकॉर्ड तोड़ बारिश सितंबर के महीने में 1 दिन में 86 एमएम बारिश होने के कारण चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा था नगर की सड़कें भी तालाब में तब्दील हो गई किसानों की मुश्किलें भी इस बारिश ने बड़ा दी है अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों के विशेष संपर्क टूट गया इस महीने में इतनी बारिश से पहले देखने को नहीं मिली है। इस समय अधिकांश किसानों की उड़द की फसल पककर तैयार हो है , किसान उनकी कटाई करवाने के लिए तैयार बैठे हुए हैं पर बारिश है कि थमने के नाम नहीं ले रही है। उड़द की फसल खेतों में खड़ी खड़ी अपने आप नष्ट हो गई है पानी गिरने के कारण पत्तों के साथ फलिया भी गिर रही है खेतों में पानी भर जाने के कारण फसल नष्ट हो रही है। आने वाले दिनों में बारिश नहीं थमी तो सोयाबीन की फसल पर भी नष्ट होने लगेगी वैसे ही खेतों में पानी भरा रहने के कारण कई ग्रामों में सोयाबीन की फसल चौपट हो गई है, कुछ ग्रामों में फसल ठीक-ठाक आने की उम्मीद वहां भी चौपट होती हुई नजर आ रही है । इसकी वजह से इन ग्रामों के किसानों की चिंताएं भी बढऩा लाजमी है । उनका कहना है कि बारिश थम ती है तो हम फसलों की कटाई का कार्य प्रारंभ कर सकते हैं । इसी बारिश होती है तो लागत निकलना भी मुश्किल हो जाएगा इसका असर बाजार पर भी पड़ेगा। झमाझम बारिश होने के कारण नगर की सड़कें तालाब में तब्दील हो गई निचली बस्तियों में रहने वाले लोगों की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई उनके घरों में पानी भर जाने के कारण खाने-पीने व गृहस्ती का सामान भी गीला हो गया बारिश थमने का इंतजार निचली बस्तियों में रहने वाले लोग करते हुए नजर आए। जैसे ही बारिश शाम रुकी तो अपने घरों में भरे पानी को निकालने में जुटे कस्टम पथ, तलैया आदि क्षेत्रों में सड़कें तालाब में तब्दील हो गई यहां पर घुटनों घुटनों से ऊपर पानी भरा हुआ था जिसमें से वाहनों को निकालने में भी दोपहिया चालकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा इस तरह की स्थिति आए दिन निर्मित होती है। कुछ सड़कें तालाब में तब्दील हो जाती हैं।



और ज्यादा देर तक पानी गिरने के कारण निचली बस्तियों में बाढ़ जैसे हालात निर्मित हो जाते हैं। इमलानी रोड पर पडऩे वाले नाले पर पानी अधिक होने के कारण उक्त मार्ग पर यातायात भी कई घंटे तक बंद रहा पानी उतरने के बाद ही इस मार्ग से आवागमन प्रारंभ हो पाया। दूसरी ओर दिनभर बारिश होने के कारण बाजार में भी सन्नाटा छाया रहा सड़कें सूनी रही अधिकांश व्यापारियों ने दुकानें खोलना भी उचित नहीं समझा मौसम विभाग के द्वारा आने वाले दिनों में बारिश होने की संभावना वैसे ही जाहिर की है। इसकी वजह से कृषको की मुश्किलें बढ़ी हुई है। पिछले दिनों हुई बारिश के कारण हजारों मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं फसलें चौपट हो ही गई थी जो बची थी वह भी अब नष्ट होने की कगार पर पहुंच गई है । कृषि विभाग के द्वारा अभी तक क्षतिग्रस्त फसलों की जानकारी शासन स्तर पर नहीं बिजी है के कारण किसानों को फसल बीमा और क्षतिग्रस्त फसलों की मुआवजा राशि मिलना भी मुश्किल नजर आ रहा है। जबकि पिछले दिनों किसानों और कांग्रेस पार्टी ने ज्ञापन सौंपकर फसलों का सर्वे कराकर मुआवजा एवं फसल बीमा दिलवाने की मांग की थी इसके बाद जिम्मेदार अधिकारियों को ध्यान देना उचित नहीं समझा केवल कागजी खानापूर्ति जरूर की है। तहसीलदार हर्ष विक्रम सिंह ने बताया कि फसलों का सर्वे करने के लिए सभी पटवारियों को निर्देश दिए हैं , जिन लोगों के मकान बारिश के कारण क्षतिग्रस्त या गिर गए हैं उनको मुआवजा राशि देने का कार्य निरंतर किया जा रहा है।

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