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राजधानी में अस्पष्ट नियमों की आड़ में धड़ल्ले से चल रहे हैं Hookah Lounge

October 05, 2022

  • पुलिस को प्रशासन की ओर से स्थिति स्पष्ट होने का इंतजार

भोपाल। अस्पष्ट नियमों की आड़ में शहर में खुलेआम हुक्का बार संचालित हो रहे हैं। जिला प्रशासन और आबकारी विभाग का कहना है कि हमारी ओर से हुक्का बार के लिए कोई लाइसेंस जारी नहीं किया जाता वहीं पुलिस का कहना है की प्रशासन की ओर से स्थिति स्पष्ट होने पर इनके विरुद्ध अभियान चलाया जाएगा। जिम्मेदारों की टालमटोली के बीच युवाओं में हुक्का पाइप से धुआं उड़ाने का चलन धीरे-धीरे आम होता जा रहा है।

ऐसे चलते हैं हुक्का लाउंज
शहर में लगभग 150 हुक्का लाउंज संचालित किए जा रहे हैं। इनमें से लगभग 40 प्रतिशत लाउंज संचालकों ने जिला प्रशासन के खाद्य विभाग से रेस्टोरेंट संचालन की अनुमति ले रखी है। वहीं अन्य 60 प्रतिशत लाउंज तो ऐसे है जिनके पास रेस्टारेंट तक की अनुमति नहीं है और यह ऐसे ही चल रहे हैं। हुक्का लाउंज के नाम पर जिला प्रशासन के किसी भी विभाग द्वारा कोई अनुमति देने का कोई प्रविधान ही नहीं है। हुक्का लाउंज संचालक रेस्टोरेंट के नाम पर अनुमति लेते हैं और प्रशासन द्वारा सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम 200 (सीओटीपीए या कोटपा एक्ट) के तहत कार्रवाई नहीं होने की वजह से पूरे रेस्टोरेंट में धुआं उड़ाने की छूट देते हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश व्यास का कहना है कि हुक्का लाउंज की अनुमति नहीं मिलती है। किसी भी रेस्टोरेंट में एक स्मोकिंग जोन, अर्थात धूम्रपान स्थान होना अनिवार्य है जहां कोटपा एक्ट के नियम प्रभावशील होते हैं। इसके तहत सिर्फ धूम्रपान जोन में गैर प्रतिबंधित धूम्रपान ऐपरैटस (सिगरेट, हुक्का) परोसा जा सकता है। नियमों के तहत इस क्षेत्र में किसी भी तरह का खाद्य पदार्थ नहीं परोसा जा सकता है। इसके अलावा वह प्रतिबंधित खाद्य जोन में भी हुक्का परोसते हैं जो कि नियमों के विरूद्ध है।


यहां सबसे अधिक हैं हुक्का लाउंज
वैसे तो शहर के प्रमुख मार्ग पर हुक्का लाउंज है लेकिन बिट्टन मार्के ट, एयरपोर्ट रोड, 10 नंबर मार्केट, चूना भट्टी, एमपी नगर, रोहित नगर, 12 नंबर, होशंगाबाद रोड, लालघाटी, केरवा रोड की ओर बड़ी तादाद में हुक्का लाउंज संचालित हो रहे हैं। इन हुक्का लाउंज द्वारा ओपन माइक, कामेडी ईव जैसे प्रोग्राम आयोजित करने के साथ ही बिग स्क्रीन पर क्रिकेट मैच दिखाकर युवाओं को आकर्षित किया जाता है।

इनके पास है कार्रवाई करने का अधिकार
सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम 200 (कोटपा एक्ट) का उल्लंघन करने पर संबंधित के खिलाफ कलेक्टर, एसडीएम, एडीएम, जिला खाद्य निरीक्षक, ड्रग निरीक्षक आदि कारज़्वाई कर सकते हैं। इसके अलावा कोटपा एक्ट के तहत पुलिस को भी कार्रवाई का अधिकार हैं। जबकि हकीकत यह है र्कि राजधानी में इस एक्ट के तहत साल भर में नाममात्र कार्रवाई ही की जाती है। वहीं हुक्का लाउंज संचालकों द्वारा खाद्य लाइसेंस की शर्तों का भी उल्लंघन किया जाता है, जिसके तहत खाद्य विभाग भी संबंधित रेस्टोरेंट का खाद्य लाइसेंस रद्द कर सकती है।
नशा मुक्त मप्र बनाना है
तीन दिन पहले सीएम शिवराज ने कहा कि ‘Óआज हम सब संकल्प लें नशा मुक्त मध्यप्रदेश बनाने का, मैं जानता हूं कि संकल्प बहुत बड़ा है, काम आसान नहीं है, लेकिन हम प्रयास करेंगे तो निश्चित तौर पर सफ लता मिलना शुरू होगी, नशे के शिकार लोगों से घृणा नहीं करनी है, यह भी हमारे अपने हैं। इनको नशे से मुक्ति दिलाने के लिए भी सरकार प्रभावी प्रयास करेगी। हुक्का लाउंज जैसी चीज मध्यप्रदेश की धरती पर नहीं चलेंगे, आवश्यकता पड़ी तो बुलडोजर चलाकर इन्हें ध्वस्त कर दिया जायेगा.ÓÓ

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