
उज्जैन। शिप्रा तट पर आज से करीब 7 माह पहले विक्रमोत्सव का शुभारंभ करने मुख्यमंत्री आए थे और उन्होंने मंच से अधिकारियों को स्पष्ट कहा था कि महाकाल क्षेत्र को भिक्षुओं से मुक्त किया जाए और इसके लिए अभियान चलाया जाए। बावजूद इसके अभी तक यह क्षेत्र भिखारियों से मुक्त नहीं हो पाया है।
उल्लेखनीय है कि विक्रमोत्सव पर्व का शुभारंभ करने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान उज्जैन आए थे और उन्होंने शिप्रा तट पर आयोजित कार्यक्रम मंच से शहर में सुधार हेतु कई निर्देश अधिकारियों को दिए थे। इसमें उन्होंने इंदौर, उज्जैन मार्ग पर अंग्रेजी में लिखे होटलों के नाम बदलकर हिन्दी में किए जाने के लिए भी अधिकारियों से कहा था। इसके अलावा उन्होंने महाकाल मंदिर क्षेत्र तथा अन्य धार्मिक स्थलों के आसपास भिक्षुओं को हटाने के लिए लगातार अभियान चलाने की बात भी अधिकारियों से कही थी। मुख्यमंत्री के इन निर्देशों को आज लगभग 7 महीने गुजर गए हैं।
बावजूद इसके महाकाल तथा अन्य धार्मिक स्थलों पर स्थानीय तथा बाहरी भिखारियों की भीड़ कम नहीं हुई है। महाकाल के अलावा अब यह भिक्षुक महाकाल लोक देखने आ रहे शहर में हजारों लोगों के पीछे भी पड़ रहे हैं। हालांकि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम ने महाकाल क्षेत्र में भिक्षावृत्ति कर रहे लोगों की धरपकड़ के लिए 2 से 3 महीने अभियान भी चलाया था और कई बच्चों को बाल भिक्षावृत्ति करते भी पकड़ा था। इनमें से ज्यादातर बच्चों को परिजनों को बुलाकर तथा हिदायत देकर परिजनों के सुपुर्द कर दिया था। इसके बाद से इस तरह का कोई अभियान महाकाल से लेकर अन्य धार्मिक स्थलों के आसपास नहीं चलाया गया। यही कारण है कि आज महाकाल लोक के शुभारंभ के बाद से जिस तरह बाहर के यात्रियों और पर्यटकों की भीड़ शहर में बढ़ रही है वहीं दूसरी तरह अभियान नहीं चलने से भिक्षुओं की संख्या भी बढ़ती जा रही है।
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