नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सभी मंत्रालयों और विभागों को पुराने पड़ चुके ऑपरेटिंग सिस्टम और आईटी उपकरणों को तत्काल कबाड़ में भेजने के लिए कहा है. सरकार ने चेतावनी देते हुए कहा है कि ऐसे पुराने पड़ चुके आईटी उपकरण गंभीर साइबर अटैक के लिए आसान निशाना साबित हो सकते हैं. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के सचिव अल्केश कुमार शर्मा ने इन नए निर्देशों के बारे में सभी सचिवों को एक पत्र लिखा है.
शर्मा ने चेतावनी दी है कि आउट डेटेड ऑपरेटिंग सिस्टम और आईटी उपकरण का उपयोग बंद किया जाना चाहिए. क्योंकि यह संवेदनशील सरकारी आईटी सिस्टम को साइबर अटैक के लिए अतिसंवेदनशील बना देता है. सरकारी सिस्टम में साइबर हमले के मामले बढ़ते जा रहे हैं. अप्रैल में संसद में पेश किए गए सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले पांच साल में सरकार से संबंधित 641 ट्विटर अकाउंट, ई-मेल और वेबसाइटों को हैक किया गया था. ‘पैगंबर विवाद’ के बाद जून में भारत में सरकारी संस्थाओं और निजी संस्थानों की 500 से अधिक वेबसाइटों को हैक कर लिया गया था.
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के सचिव का नया लेटर सर्वर, पर्सनल कंप्यूटर, प्रिंटर, यूपीएस, लैपटॉप, नोटबुक और टैबलेट, डेटा संचार उपकरण, LAN स्विच, राउटर और डेटा केबल जैसे उपकरणों की जांच करने के बारे में है. सभी सचिवों को MeitY सचिव के इस लेटर में कहा गया है कि बढ़ते डिजिटलीकरण और ऑनलाइन गवर्नेंस के साथ साइबर अटैक से निपटना गवर्नेंस का एक अभिन्न और महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है.
सचिव के पत्र में कहा गया है कि हैकर्स अज्ञानता या सुरक्षा प्रक्रियाओं का पालन न करने, प्रक्रियाओं में खामियों या प्रौद्योगिकी (हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों) में कमजोरियों का फायदा उठाते हैं. सभी मंत्रालयों को हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर, दोनों तरह के आईटी उपकरणों की लाइफ टाइम का पालन करने के लिए कहा गया है. पत्र में कहा गया है कि इससे सरकार के मंत्रियों/विभागों में साइबर जोखिम से मुक्त वातावरण बनाए रखने में मदद मिलेगी. शुक्रवार को खबर थी कि केंद्र सरकार के तहत सभी मंत्रालयों और विभागों के अधिकारी साइबर सुरक्षा पर एक व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम से गुजर रहे हैं. ताकि वे फिशिंग, वित्तीय धोखाधड़ी, हैकिंग आदि जैसे सामान्य साइबर अपराधों से निपटने के लिए अच्छी तरह से तैयार हो सकें.
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