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मप्र में विधायिका की भी नहीं सुन रही कार्यपालिका

November 24, 2022

  • विधानसभा में पूछे गए 607 सवालों के जबाव लंबित
  • बार-बार पत्र लिखने के बाद भी अनसुनी कर रहे मंत्रालय के अफसर

भोपाल। मप्र विधानसभा का सत्र अगले महीने होना है लेकिन मप्र में कार्यपालिका अब विधायिका को उतनी गंभीरता से नहीं लेती है, जितना संविधान में उल्लेख है। यही वजह है कि पंद्रहवीं विधानसभा के 607 सवालों के जवाब पहले सत्र से लेकर पिछले सत्र तक के लंबित हैं। बार-बार पत्र लिखे जाने के बाद भी विधायिका को सवालों के जवाब नहीं मिल रहे हैं। लंबित सवालों में कुछ ऐसे भी हैं, जिनके जवाब पिछली कमलनाथ सरकार के समय से लंबित हैं। पूछने वाले मौजूदा सरकार में मंत्री हैं। फिर भी जवाब नहीं दे रहे हैं।
विधानसभा में लंबित सवालों की लंबी-चौड़ी सूची हैं। सवालों के जवाब के संबंध में विधानसभा सचिवालय से लेकर नेता प्रतिपक्ष तक मुख्य सचिव को पत्र लिख चुके हैं। हाल ही में नेता प्रतिपक्ष ने मुख्य सविच को पत्र लिखकर सवालों के जवाब समय सीमा में भिजवाने को कहा था। मुख्य सचिव ने नेता प्रतिपक्ष के पत्र को हमेशा की तरह सामान्य प्रशासन विभाग को पे्रषित कर दिया है। जिस पर सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और विभाध्यक्षों को पत्र लिखकर जवाब भिजवाने के निर्देश दिए हैं। विधानसभा के सवालों के जवाब देने को लेकर कार्यपालिका में यह सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन जवाब सालों तक लंबित रहते हैं। लंबित सवाल पंद्रहवी विधानसभा के पहले सत्र से लेकर सितंबर 2022 में आयोजित सत्र तक के हैं।

कृषि विभाग के सबसे ज्यादा सवाल लंबित
607 लंबित सवालों की सूची में सबसे ज्यादा 179 सवाल कृषि विभाग के लंबित हैंं। इनमें कर्जमाफी से जुड़े सवाल भी हैं। खास बात यह है कि कमलनाथ सरकार के समय भाजपा विधायक रहे कमल पटेल ने कर्जमाफी को लेकर सवाल पूछे थे। वो सवाल भी अभी तक लंबित है। कमल पटेल शिवराज सरकार में कृषि मंत्री है, लेकिन उन्होंने खुद सवालों के जवाब नहीं दिए हैं। न ही उनकी सवालों के जवाब देेने में कोई रुचि है। फर्जीलाइजर, पेस्टीसाइट से जुड़े सवालों के जवाब भी कृषि मंत्रालय ने नहीं दिए हंै।

इन विभागों के लंबित जवाब
सरकार ने आदिवासियों के हित में पेसा कानून लागू कर दिया है, लेकिन जनजाति विभाग ने 23 सवालों के जवाब अभी तक नहीं दिए हैं। इसी तरह अनुसूचित जाति विभाग के 13 जवाब लंबित हैं। खाद विभाग के 18, गृह मंत्रालय ने 83 सवालों के जवाब लंबित रखे हैं। इनमें अपराध एवं कानून व्यवस्था से जुडृे सवाल भी लंबित हैं। नगरीय प्रशासन विभाग के 40, पंचायत विभाग के 9, परिवहन विभाग के 14, येाजना एवं आर्थिंक संाख्यिकी विभाग के 13, वित्त विभाग के 22 , स्कूल शिक्षा विभाग के 15, सहकारिता विभाग के 45 और सामान्य प्रशासन विभाग के 91 सवालों के जवाब लंबित हैं। खास बात यह है कि सभी विभागों से विधानसभा में पूछे गए सवालों के जवाब दिलाने की जिम्मेदारी सामान्य प्रशासन विभाग की ही हैं।

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