
इंदौर, मेघश्याम अगाशे। मिनी मुंबई के नाम पर पहचाना जाने वाला इंदौर शहर मुंबई की तरह ही ड्रग्स में प्रदेश का सबसे बड़ा सेंटर बनता जा रहा है। यह प्रमाण पुलिस से लेकर नारकोटिक्स तक की ड्रग्स के खिलाफ हुई कार्रवाई से पता चलता है। पिछले मात्र 10 माह में क्राइम ब्रांच ने जहां 80 और नारकोटिक्स विंग ने 51 तस्करों को पकडक़र करोड़ों की ड्रग्स जब्त की, वहीं शहर पुलिस ने इस दौरान एनडीपीएस एक्ट में 1600 लोगों को ड्रग्स बेचते या पीते पकड़ा। यह तो वो नशे के सौदागर हैं, जो पकड़े गए, लेकिन इससे कई गुना अधिक नशा शहर में बिखरा पड़ा है। पुलिस के अधिकारी खुद मानते हैं कि केवल 10 प्रतिशत ड्रग्स ही वे पकड़ पाते हैं।
पुलिस ने ही सैकड़ों पकड़े
पुलिस कमिश्नरी क्षेत्र के 34 थानों की बात की जाए तो पुलिस ने इस साल ड्रग्स के साथ 1590 लोगों को गिरफ्तार किया है। उनके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। इनमें तस्कर और पीने वाले शामिल हैं, जबकि 2021 में 1337 और 2020 में 937 लोगों को पकड़ा गया था। यह आंकड़ा दो साल में लगभग दोगुना हो गया है।
एक करोड़ 31 लाख की ड्रग्स पकड़ी
क्राइम ब्रांच की बात करें तो उसने इस साल के प्रथम 10 माह में 48 एनडीपीएस के केस दर्ज किए, जिनमें 80 तस्करों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से पुलिस ने एक करोड़ 31 लाख की ड्रग्स जब्त की है।
नारकोटिक्स विंग ने पकड़े 51 आरोपी
नारकोटिक्स विंग ने इस साल 10 माह में एनडीपीएस एक्ट के तरह 41 केस दर्ज किए हैं, जिनमें 51 तस्करों को गिरफ्तार किया है। इनसे लगभग 70 लाख की ड्रग्स जब्त की है, जिसमें ब्राउन शुगर, गांजा, मेफेड्रोन, अफीम, अफीम के पौधे, अल्प्राजोलम टेबलेट और डोडाचूरा हैं।
शहर किस कदर नशे का अड्डा बनता जा रहा है इस बात का प्रमाण यह है कि इंदौर में पहले चार लोगों को गिरफ्तार किया गया और जब उन लोगों ने नशे के रैकेट का भंडाफोड़ किया तो पता चला कि इंदौर देश के अन्य राज्यों के नशा तस्करों से जुड़ चुका है और उनकी गहरी पैठ हो चुकी है। इन चार लोगों ने ही करीब 36 लोगों के नाम उजागर कर दिए, जो नशे से जुड़े थे।
दो साल पहले क्राइम ब्रांच ने एक टेंट व्यवसायी सहित चार लोगों को पकडक़र 70 करोड़ की ड्रग्स बरामद की थी। जब इनसे पूछताछ हुई और जांच-पड़ताल की तो पता चला कि यह एक बहुत बड़ा रैकेट है जो देशभर में काम कर रहा था। इंदौर में पकड़े गए चार लोगों की निशानदेही पर इस गिरोह के सदस्यों को राजस्थान, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, गोवा, मध्यप्रदेश के अलावा कई और राज्यों से गिरफ्तार किया गया था। इनकी संख्या 36 थी, जबकि इस मामले में अभी भी कुछ आरोपी फरार हैं। इसके अलावा चंदननगर पुलिस ने भी एक ऐसा गिरोह पकड़ा था, जिसके पास से करोड़ों की ब्राउन शुगर और अल्प्राजोलम का मिक्चर जब्त हुआ था। इस गिरोह के सदस्य भी यूपी और कई अन्य राज्यों में थे। ये लोग मुर्गीदाना की आड़ में यह गोरखधंधा कर रहे थे।
शहर में एक दर्जन से अधिक नशे के अड्डे
शहर में कुछ क्षेत्र नशे के अड्डे बन गए हैं, जिनमें खजराना, आजादनगर, चंदननगर, बाणगंगा, गांधीनगर, सदरबाजार, बंबई बाजार, मूसाखेड़ी है। यहां से पुलिस ने कई तस्करों को गिरफ्तार किया है।
पूरे देश के ड्रग डीलरों की निगाह में आ चुका है इंदौर
पूरे देश में अफीम की खेती के लाइसेंस केवल मध्यप्रदेश और राजस्थान के बॉर्डर के गांव को ही दिए जाते हैं। इसके चलते यहीं से ड्रग्स की सप्लाई होती है। यूं तो इंदौर लंबे समय से ड्रग्स का क्रॉसिंग पॉइंट रहा है, क्योंकि यह प्रदेश का सबसे बड़ा शहर है, लेकिन अब यह मिनी मुंबई की तरह विकसित हो रहा है और एजुकेशन हब भी बन चुका है, जिसके चलते यहां बड़ी संख्या में छात्र बाहर से आते हैं। इस कारण शहर में बड़ी मात्रा में पब खुल गए हैं। यहां तस्कर युवाओं को हर तरह के ड्रग्स उपलब्ध करा रहे हैं। इसके चलते अब देशभर के तस्करों की इंदौर में नजर है ।
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