
आष्टा। मानस स मेलन के अंतिम एवं सातवे दिवस मानस विदुषी भक्ति प्रभा जी ने अपने आशीष वचन सुनाये! शनिवार को मानस स मलेन का आखरी दिन होने के कारण बड़ी सं या में महिला श्रद्धालु उपस्थिति रही है!मानस स मलेन के सप्तम दिवस भक्ति प्रभा ने अपने आशीष वचन में कहा की प्रभु श्री राम जब कृष्ण रूप में आए जगन्नाथ धाम में विराजित थे जब सूरदास जी उनसे मिलने आने लगे तो भगवान ने दरबारियों से कहा मिलने मत देना एजब सूरदास जी आए उन्हें मना करने पर सूरदास जी ने भगवान को अपशब्द बोलने लगे एकहने लगे ये तो छलिया हे! जब ज्यादा हो गया तो प्रभु ने उन्हें बुलाया और कहा हो गई बुराई पूरी। अब मेरी शरण में आजाओ!मेने तो परखने कोशिश की थी।क्योंकि सूरदास जी का भगवान से भक्ति का नाता जुड़ा था।वही भक्ति प्रभा जी ने आगे कहा की मिथिला;भगवान श्री राम की ससुरालद्ध के लोगो से जब पूछा की भगवान श्री राम से केसे संबंध हैएतो उन्होंने बताया की भगवान को यदि हम गालियां भी देते हैएतो वे सुनते हैंए बताइए ऐसा संबंध किसी और से है!शिशुपाल के बारे में बताया की उसकी माँ ने भगवान कृष्ण से निवेदन किया कि भगवान इसे माफ कीजिए भगवान ने कहा कि शिशुपाल की 100 गलतियां माफ करूंगा परंतु 1 गलती भी यदि ऊपर हुई तो माफ नही करूंगा!
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