उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

बाहर उपचार कराने के लिए कई कैदियों ने दिए आवेदन, अभी लगी है रोक

उज्जैन। केन्द्रीय जेल भैरवगढ़ में इन दिनों सजा काट रहे कैदियों द्वारा बीमारी का उपचार जेल के बाहर सरकारी या निजी अस्पताल में करवाने की माँग बढ़ गई है। इसके लिए ढेरों आवेदन रोज आ रहे हैं। कारण यह है कि शासन ने जेल में बंद कैदियों की पेशी आनलाईन कर दी है, वहीं बाहर से आने वाले खाने पीने के सामान पर भी पाबंदी लगा रखी है। ऐसे में अब यही रास्ता रह गया है। केन्द्रीय जेल भैरवगढ़ में इन दिनों 2200 से ज्यादा कैदी बंद हैं। कुछ समय पहले जेल मंत्रालय ने सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए कैदियों की पेशी कोर्ट ले जाने की बजाय जेल से ही ऑनलाईन पद्धति के माध्यम से कराए जाने के निर्देश जारी कर दिए थे।



यह निर्देश जारी होने के बाद से कैदियों में निराशा है। जेल सूत्रों के अनुसार भैरवगढ़ जेल में विचाराधीन कैदियों की संख्या लगभग 600 के करीब है। इनमें से अधिकांश कैदियों को कोर्ट में पेशी के चलते महीने-दो महीने में जेल से बाहर जाने का अवसर मिल जाता था लेकिन पेशी ऑनलाईन होने के बाद यह अवसर भी जाता रहा, वहीं सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से ही जेल में बंद कैदियों को रिश्तेदारों या दोस्तों द्वारा बाहर से लाकर खाद्य सामग्री आदि पहुँचाने पर भी पाबंदी लग गई है। इस कारण भी उन्हें खाने-पीने के सामान से लेकर व्यसन आदि की सामग्री भी नहीं मिल पा रही है। इस व्यवस्था ने भी कैदियों को निराश कर रखा है।

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