
मलेरिया की रोकथाम के लिए लार्वानाशक दवाइयों का छिडक़ाव, टीबी मरीजों के इलाज में उत्कृष्ट कार्य करने पर इंदौर को सिल्वर अवॉर्ड भी मिला
इंदौर। मलेरिया (Maleria) का अभी हालांकि प्रकोप नहीं है। वहीं स्वास्थ्य विभाग (Health Department) का दावा है कि पिछले दिनों उसने 27 हजार से अधिक घरों की जांच करवाई, ताकि लार्वा नाशक अभियान चलाया जा सके। जिन 600 घरों में लार्वा पाया गया, उन्हें नोटिस भी दिए और दवाइयों का छिडक़ाव भी किया गया। कल विश्व मलेरिया दिवस भी मनाया गया, तो इंदौर जिले (Indore) को टीबी रोग के मामले में अवॉर्ड भी मिला।
गर्मी और बारिश के दिनों में मलेरिया के रोगी बढ़ते हैं। मगर जब से कोरोना आया है तब से उसी का हल्ला जाता है और उससे जुड़े ही वायरल से लोग अधिक पीडि़त हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि बीते 3 से 4 महीनों में लार्वा विरोधी अभियान शहर में चलाया गया, जिसके चलते 27 हजार घरों का सर्वे कर जिन 600 घरों में लार्वा पाया गया वहां आसपास दवाइयों का छिडक़ाव किया गया। वहीं कल भोपाल में राज्यपाल ने पिछले 3 सालों में राष्ट्रीय क्षय कार्यक्रम में लक्ष्यपूर्ण उपलब्धि तथा गुणवत्तापूर्ण कार्य करने पर इंदौर जिले को सिल्वर अवॉर्ड से सम्मानित किया और कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी को पदक दिया गया। इस मौके पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, पंचायत मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया, अतिरिक्त मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान तथा मलय श्रीवास्तव, स्वास्थ्य आयुक्त सुदाम पी खाड़े तथा प्रबंध निदेशक एनएचएम श्रीमती प्रियंका दास भी मौजूद रहीं। सब नेशनल सर्टिफिकेशन सर्वे गत जनवरी-फरवरी माह 2023 तथा विगत तीन वर्षों के कार्यों का अवलोकन विश्व स्वास्थ्य संगठन आईसीएमआर तथा केन्द्रीय टीबी विभाग नई दिल्ली द्वारा किया गया था। जिले के लिये रजत पदक की घोषणा 24 मार्च 2023 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में वाराणासी में की थी
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