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हर दुश्मन को अपनी ‘टेबल’ पर ला रहा सऊदी, अब मिली एक और कामयाबी

September 20, 2023

डेस्क: सऊदी अरब इन दिनों अपने सारे दुश्मनों से दोस्ती का हाथ बढ़ा रहा है. उससे बातचीत करने की कोशिश कर रहा है. इस बीच उसने यमन के हूती विद्रोहियों से बातचीत की है. मीडिया रिपोर्ट के मुतबिक, ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने बातचीत के लिए सऊदी अरब का दौरा किया था. पांच दिनों तक चली इस बातचीत के दौरान कई मुद्दों पर चर्चा हुई. इस दौरान सऊदी ने युद्ध को खत्म करने की बात कही.

सऊदी अरब ने बुधवार को कहा कि यमन के हूती विद्रोहियों के साथ पॉजिटिव बातचीत हुई. बता दें कि हूती विद्रोहियों के खिलाफ लड़ाई में सऊदी अरब ने 2015 में कदम रखा था. धीरे-धीरे यह संघर्ष क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वियों सऊदी अरब और ईरान के बीच छद्म युद्ध बन गया. मगर अब चीजें पटरी पर लौट रही हैं. हालांकि, इससे पहले भी सऊदी अरब और हूती विद्रोहियों में संघर्ष विराम को लेकर कई बार बातचीत हुई.

सऊदी विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
हूती की पांच दिन की यात्रा के आखिर में सऊदी विदेश मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में कहा कि यमन में शांति स्थापित करने को लेकर एक सकारात्मक चर्चा हुई. सऊदी अरब यमन में शांति स्थापित करने के लिए यमनी पार्टियों को बातचीत की मेज पर बैठने के लिए प्रोत्साहित करता है. वह भाईचारे वाले लोगों के साथ खड़ा है. हूती डेलिगेशन ने भी सऊदी अरब के रक्षा मंत्री प्रिंस खालिद से मुलाकात की.


बरसों की दुश्मनी भुलाकर ईरान से दोस्ती
इस दौरान प्रिंस ने कहा कि वह यमन को सपोर्ट करते हैं और वहां शांति स्थापित करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं. बता दें कि पिछले कुछ महीनों में सऊदी अरब हर दुश्मन को अपनी ‘टेबल’ पर ला रहा है और उससे दोस्ताना संबंध बनाने की कोशिश कर रहा है. हाल ही में सऊदी ने ईरान के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ाया था. बरसों की दुश्मनी भुलाकर दोनों देश दोस्त बन गए.

दोनों ने कूटनीतिक रिश्ते बहाल करने की घोषणा की. ईरान और सऊदी अरब के संबंधों में 2016 में दरार आई थी और तब दोनों ने अपने राजयनिक रिश्ते खत्म कर लिए थे. मगर कुछ दिन पहले दोनों देशों ने राजनयिक संबंधों के बहाल होने की घोषणा की थी.

युद्ध में 1,50,000 से अधिक लोगों की मौत
बता दें कि यमन अरब का सबसे गरीब देश है. युद्ध में 1,50,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि, संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता में हुए संघर्ष विराम के अक्टूबर में खत्म होने के बाद से कोई औपचारिक संघर्ष विराम नहीं हुआ है. बता दें कि संघर्ष के कारण यमन भुखमरी के कगार पर पहुंच गया है.

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