
इंदौर (Indore)। 25 दिनों से लगातार अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे पटवारियों ने जहां कल 80 यूनिट ब्लड डोनेट कर विरोध प्रदर्शन किया, वहीं आज से संघ ने मांगें नहीं माने जाने तक क्रमिक भूख हड़ताल की घोषणा कर दी है। लगातार चल रही हड़ताल के बावजूद मुख्यमंत्री ने कोई सुध नहीं ली है, लेकिन इसका खामियाजा आम आवेदकों को भुगतना पड़ रहा है।
अनोखा विरोध प्रदर्शन करते हुए कल इंदौर शहर के साढ़े तीन सौ से अधिक पटवारियों ने रक्तदान किया। 25 दिनों से लगातार हड़ताल पर बैठे पटवारियों के कारण अब कलेक्टर कार्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों तक में फजीहत होने लगी है। हजारों की तादाद में आवेदन जहां पेन्डेन्सी में हैं। 10 हजार से अधिक आवेदन तहसील कार्यालयों में सीमांकन, बंटांकन के पेन्डिंग पड़े हैं, वहीं स्कूल-कालेजों के लिए जाति प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया लगभग ठप हो चुकी है। अतिवृष्टि के कारण किसानों की फसलों का मूल्यांकन करने के लिए जमीनी अमला मौजूद नहीं होने के कारण किसान खुद ही फसलों का दौरा कर रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। ज्ञात हो कि मानदेय बढ़ाने और प्रमोशन को लेकर पटवारियों ने पिछले दो पखवाड़े से सरकार की रणनीति के विरोध में काम बंद कर रखा है।
तहसील कार्यालयों में फाइलों का अम्बार
जनआशीर्वाद यात्रा, चुनाव के पहले की घोषणाएं, लोकार्पण जैसे कार्यों में व्यस्त होने के कारण तहसीलदार तो विभागों में उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं, वहीं हड़ताल के चलते पटवारियों ने भी काम बंद कर रखा है, जिसके कारण तहसील कार्यालयों में फाइलों का अम्बार लग गया है। सांवेर क्षेत्र से पहुंचे एक किसान ने बताया कि पिछले तीन हफ्तों से बंटांकन और सीमांकन के लिए चक्कर काट रहे हैं, लेकिन तारीख पर तारीख ही नसीब हो रही है। ज्ञात हो कि अन्य जिलों से पदस्थ होकर आए तहसीलदारों को क्षेत्रों का नालेज नहीं होने के कारण वे फाइलों पर साइन नहीं कर रहे हैं।
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