
मुंबई। आरक्षण के स्थायी समाधान के लिए महाराष्ट्र सरकार बिहार पैटर्न आजमाने पर विचार कर रही है। इसके तहत महाराष्ट्र में भी बिहार की तरह जातिगत जनगणना कराई जा सकती है। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शनिवार को विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में इस पर निर्णय लिए जाने का संकेत दिया है।
उपमुख्यमंत्री अजित पवार शनिवार को महाराष्ट्र के पहले मुख्यमंत्री दिवंगत यशवंतराव चव्हाण की पुण्यतिथि पर सतारा जिले के कराड में थे। उन्होंने कराड स्थित चव्हाण की समाधि पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
आरक्षण कानूनी दायरे में होना जरूरी
इसके बाद उन्होंने कहा कि राज्य में आरक्षण समेत कई अन्य मुद्दे हैं। हर किसी को अपने समाज के लिए आरक्षण की मांग करने का अधिकार है। लेकिन, आरक्षण कानूनी दायरे में होना चाहिए। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मराठा आरक्षण देने का आश्वासन दिया है। सरकार इस दिशा में प्रयास कर रही है।
अजित पवार ने कहा कि बिहार सरकार ने आरक्षण को लेकर कुछ अलग फैसले लिए हैं। अगले महीने में महाराष्ट्र विधानमंडल का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है। हम इस बात पर भी चर्चा कर रहे हैं कि क्या बिहार जैसा कुछ किया जा सकता है? महाराष्ट्र में 52 फीसदी आरक्षण दिया गया है।
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