
नशेड़ी पति की हत्या के आरोप से पत्नी दोषमुक्त… अदालत ने फैसले में पुलिस की लापरवाही अंकित की
इंदौर। विवेचना में पुलिस (Police) की लापरवाही और कथित सांठगांठ के चलते हत्या जैसे गंभीर मामलों के आरोपी कोर्ट (Court) से छूट रहे हैं। गत सप्ताह ही चर्चित दोहरे हत्याकांड के 11 आरोपियों से लेकर बरात में नाचने के दौरान धक्का लगने की बात पर हुई हत्या के आरोपी छूटे थे। अब नशेड़ी की हत्या में उसकी आरोपी पत्नी बरी हो गई।
घटना 1 जनवरी 2018 की रात करीब दस बजे आजादनगर थाना क्षेत्र के इंदिरा एकता नगर की है। कालूराम अक्सर शराब पीकर पत्नी और बच्चों से झगड़ा, मारपीट करता था। घटना वाली रात भी वह शराब पीकर आया और गाली-गलौज करते हुए पत्नी, बच्चे से मारपीट करने लगा। आरोप था कि पत्नी संगीता और उसके नाबालिग बेटे ने फर्शी के टुकड़े से सिर पर वार किया, जिससे कालूराम की मौत हो गई। बेटा नाबालिग होने से उसका केस किशोर न्यायालय में चल रहा है, जबकि पत्नी के विरुद्ध सेशन कोर्ट में ट्रायल चली। इसमें आरोपी महिला ने अपने कथन में कहा कि पति शराब का अत्यधिक सेवन करता था और घटना वाले दिन भी वह शराब पीकर आया था और उससे एवं बच्चों के साथ मारपीट कर रहा था, जिससे बचने के लिए वह और उसके बच्चे एक कमरे में बंद हो गए थे। उसके बाद क्या हुआ, उसे जानकारी नहीं। आरोपी के वकील ने तर्क में कहा कि शराब पीकर आया कालूराम गिर गया था, जिससे उसके सिर में चोट आई और मर गया।
यह कहा कोर्ट ने
फैसले में नवम अपर सत्र न्यायाधीश जितेंद्र सिंह कुशवाह की कोर्ट ने उल्लेखित किया कि वैज्ञानिक साक्ष्य का संकलन करने में विवेचक द्वारा लापरवाही की गई है। फर्शी के टुकडों पर अंगुली चिन्ह की जांच कराई जा सकती थी, किंतु ऐसा विवेचक द्वारा नहीं किया गया है। किसी भी साक्षी ने आरोपी के विरुद्ध कथन नहीं दिए हैं। अभिलेख पर ऐसा भी कोई प्रत्यक्ष साक्ष्य नहीं है, जिसके आधार पर यह निष्कर्ष निकाला जाए कि अभियुक्त ने उसके पुत्र के साथ हत्या करने का सामान्य आशय निर्मित किया। इसी के साथ कोर्ट ने आरोपी पत्नी संगीता निवासी मूसाखेड़ी को दोषमुक्त करार दिया।
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