img-fluid

नक्सलवाद के मोर्चे पर अच्छा रहा ये साल, सुरक्षाबलों ने अब तक 103 माओवादियों को मार गिराया

May 11, 2024

रायपुर (Raipur)। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बस्तर (Bastar) में शुक्रवार को सुरक्षाबलों ने नक्सलियों (Naxalites security forces) के साथ हुई मुठभेड़ (Encounter) में 12 माओवादियों (12 Maoists) को मार गिराया। इस दौरान दो जवान भी घायल हुए। वैसे अगर आंकड़ों की बात करें तो यह साल सुरक्षाबलों (security forces) के लिए बहुत ही शानदार साबित हो रहा है, और नक्सल मोर्चे (naxal front) पर उन्हें लगातार कामयाबियां मिल रही हैं। इस साल नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ों में सुरक्षाबलों ने अबतक कुल 103 माओवादियों (103 Maoists) को मार गिराया है, जबकि अभी तो यह साल आधा भी नहीं गुजरा है, वहीं पिछले दो सालों में यह आंकड़ा सिर्फ 22 और 30 यानी कुल 52 ही था। जिसके बाद पूर्व अधिकारियों को यकीन हो चला है कि सालों से नक्सलियों की मांद में घुसकर उन्हें चुनौती दे रहे सुरक्षाबलों (security forces) की मेहनत अब रंग लाने लगी है और अब वे घने जंगलों में रणनीतिक रूप से भारी पड़ने वाले नक्सलियों पर भी दबाव बनाने में कामयाब हो गए हैं।


विशेषज्ञों का मानना है कि बस्तर के घने जंगलों में लगातार हो रही मुठभेड़ का माओवादियों की भर्ती पर गहरा नकारात्मक प्रभाव पड़ना तय है। इस बारे में छत्तीसगढ़ के पूर्व पुलिस महानिदेशक आरके विज ने कहा, ‘पिडिया क्षेत्र जहां शुक्रवार को मुठभेड़ हुई वो कभी बस्तर में माओवादियों का गढ़ हुआ करता था। माओवादियों के बड़े नेता पिडिया के इन्हीं जंगलों में बैठकें करते थे। आज सुरक्षा बलों का उस जंगल में ऑपरेशन चलाना एक बड़ी उपलब्धि है। मेरा मानना है कि इन मुठभेड़ों का माओवादियों के भर्ती अभियान पर निश्चित रूप से प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।’

हालांकि कुछ साल पहले तक सुरक्षाबलों द्वारा नुकसान पहुंचाए जाने पर नक्सलियों की तरफ से पलटवार करते हुए बदला लेने की आशंका भी बनी रहती थी, लेकिन अब तो जैसे उनकी कमर टूट चुकी है। क्योंकि पलटवार के नाम पर वे केवल आम नागरिकों की जान ले रहे हैं। इस साल के शुरुआती चार महीनों में ही माओवादियों ने 21 आम नागरिकों को मारा है। जबकि बीते साल यह संख्या 41 थी।

वहीं एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पिडिया का जंगल बस्तर में माओवादियों का कोर एरिया है और जब भी सुरक्षा बल टॉप नक्सली नेताओं पर दबाव बढ़ाते हैं तो यह उनके लिए छत्तीसगढ़ से तेलंगाना और आंध्र भागने के काम भी आता है। ऐसे में सुरक्षाबलों का यहां शुक्रवार को हुई मुठभेड़ को लेकर दक्षिणी बस्तर के उप पुलिस महानिरीक्षक कमलोचन कश्यप ने कहा- ‘बीजापुर जिला मुख्यालय से लगभग 55 किलोमीटर दूर पिडिया के जंगलों में एक प्रमुख माओवादी नेता के मौजूद होने की खुफिया सूचना मिलने के बाद ऑपरेशन की योजना बनाई गई थी। सुबह करीब 9 बजे सुरक्षाकर्मियों पर गोलीबारी के बाद माओवादियों के साथ भीषण मुठभेड़ शुरू हो गई, जो कि शाम करीब 5 बजे खत्म हुई। उम्मीद है कि शनिवार को मृत नक्सलियों की पहचान होने के बाद हमें पता चल जाएगा कि कोई वरिष्ठ माओवादी मारा गया है या नहीं।’

शुक्रवार की मुठभेड़ दिसंबर 2023 के बाद से दक्षिण छत्तीसगढ़ के बस्तर में चल रही एक बड़ी लड़ाई का संकेत है, जब भाजपा ने विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को मात देकर छत्तीसगढ़ सरकार की कमान संभाली थी। इसके बाद से ही सुरक्षा बलों की नीति में परिवर्तन आया और वे कहीं ज्यादा आक्रामकता के साथ नक्सलियों पर कार्रवाई कर रहे हैं। इसके अलावा सुरक्षाबलों द्वारा दिसंबर 2023 से घोर नक्सली एरिया में 17 नए फॉरवर्ड कैंपों का निर्माण भी किया गया है, इससे भी सुरक्षाबलों की पकड़ इन इलाकों में काफी ज्यादा बढ़ चुकी है। अधिकारियों ने बताया कि इससे इन क्षेत्रों में नागरिक पहुंच में सहायता मिली है, साथ ही सुरक्षाबलों को खुफिया सूचना प्राप्त होने पर उन पर अधिक तेजी से कार्रवाई करने की अनुमति मिलती है।

Share:

  • धरती से टकराने जा रहा भयंकर सौर तूफान : 19 साल बाद धरती पर छाएगा अंधेरा

    Sat May 11 , 2024
    वाशिंगटन (Washington)। अमेरिकी अंतरिक्ष (American space) मौसम पूर्वानुमान केंद्र ने इस हफ्ते के अंत में पृथ्वी से एक भयंकर सौर तूफान के टकराने की आशंका जाताया है. इसके लिए गंभीर (G4) जियोमैग्नेटिक स्टॉर्म वॉच (geomagnetic storm watch) जारी किया है. यह जनवरी 2005 के बाद से अपनी तरह का पहला तूफान है, जो दुनिया भर […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved