
तेल अवीव (Tel Aviv)। गाजा (Gaza), लेबनान (Lebanon) और यमन (Yemen) में एक साथ हमले कर रहा इजरायल (Israel) रॉकेट अटैक (Rocket attack) की वजह से दहल उठा है. इस बार हिजबुल्लाह के लड़ाकों ने इजरायल पर जबरदस्त हवाई हमला किया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 40 से अधिक रॉकेट (More than 40 rockets) इजरायल की ओर दागे गए. इनमें से एक रॉकेट गोलान हाइट्स के फुटबॉल मैदान में गिर गया. इस हमले में 12 बच्चों की मौत हो गई, जबकि 37 से अधिक लोग जख्मी बताए जा रहे हैं।
सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इनमें कई की हालत गंभीर है. ये हमला शनिवार शाम 6.30 बजे हुआ, उस वक्त गोलान के मजदल शम्स शहर के फुटबॉल मैदान में बच्चे खेल रहे थे. धमाके के साथ ही उनकी चीखें सुनी गईं. 7 अक्टूबर के बाद शुरु हुए संघर्ष के बाद इजरायल में ये सबसे घातक हमला माना जा रहा है. इसके बाद पूरे इजरायल में लोग सकते में हैं. बच्चों के शव की हालत देखकर विचलित हैं।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Israeli Prime Minister Benjamin Netanyahu) ने इस हमले के लिए हिजबुल्लाह को ज़िम्मेदार बताया है. इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि हिजबुल्लाह को इसकी भारी कीमत चुकानी होगी. उन्होंने कहा, ”इजराइल के नागरिकों, आप की तरह मैं भी हिजबुल्लाह द्वारा किए गए इस जानलेवा हमले के बाद की भयावह तस्वीरें देखकर स्तब्ध हूं. यहां मारे गए लोगों में फुटबॉल खेल रहे छोटे बच्चे और अन्य लोग शामिल हैं.”
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने आगे कहा, ”इन दृश्यों को देखकर हम सभी का दिल टूट गया है. हम इस मुश्किल घड़ी में उन परिवारों के साथ हैं, जिन्होंने अपने परिजन खोए हैं. जब से मुझे इस आपदा के बारे में जानकारी मिली है, मैं लगातार सुरक्षा परामर्श कर रहा हूं. मैं बहुत जल्द स्वदेश आने की कोशिश कर रहा हूं. मैं पहुंचते ही सबसे पहले सुरक्षा कैबिनेट की बैठक बुलाऊंगा. हम इसका माकूल जवाब देंगे।
इस हमले के बाद इजरायल के सैन्य प्रमुख एलटीजी हर्ज़ी हलेवी ने कहा कि हमें पता चल चुका है कि रॉकेट अटैक कहां से किया गया है. यह हिजबुल्लाह की तरफ से किया गया है. उसने हमारे नागरिकों को मारा है. हमारे बच्चों को मारा है. दुनिया भर के एथलीट ओलंपिक में भाग ले रहे हैं. वहीं हिजबुल्लाह इजरायली एथलीटों की अगली पीढ़ी की हत्या कर रहा है. बच्चों की निर्मम हत्या की गई है।
हालांकि इस हमले के आरोप को हिजबुल्लाह ने सिरे खारिज कर दिया है. बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने ड्रूज़ समुदाय के नेताओं से फोन पर बात कर अपनी संवेदना जाहिर की है. गोलान हाइट्स में 40 हज़ार से ज़्यादा ड्रूज़ समुदाय के लोग रहते हैं, जो इस्लाम के मानने वाले हैं. साल 1967 तक गोलान सीरिया का हिस्सा था, लेकिन 1981 में इजरायल ने अपने कब्ज़े में ले लिया।
बताते चलें कि इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू इस वक्त अमेरिका के दौरे पर हैं. अपनी यात्रा के पांचवें दिन वो पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने उनके फ्लोरिडा के आवास पर पहुंचे. वहां रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार ट्रंप ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. इसके साथ ही दोनों नेताओं के बीच बैठक हुई, जिसमें गाजा में चल रहे जंग पर बात हुई।
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