
उज्जैन। शहर सहित प्रदेश में सरकार अब छात्रावासों की अव्यवस्थाओं की सुध लेने जा रही है। इसके लिए एक नया कदम उठाया गया है। सचिव स्तर के अधिकारियों को यह दायित्व दिया गया है कि वे स्वयं संबंधित जिलों में जाकर छात्रावासों का निरीक्षण करेंगे और सुधार के लिए अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेंगे।
उज्जैन सहित प्रदेश में पहली बार सरकार अनुसूचित जाति-जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग के छात्रावासों का निरीक्षण सचिव स्तर के अधिकारियों से कराएगी। इसके लिए 13 आईएएस अधिकारियों को 55 जिले आवंटित किए गए हैं। इन्हें प्रत्येक दो माह में कम से कम तीन दिन छात्रावासों का आकस्मिक निरीक्षण करना होगा। इस दौरान सामने आने वाली कमियाँ और सुधार को लेकर रिपोर्ट संबंधित विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संभाग के प्रभारी अधिकारी और संभागायुक्त को देंगे। इसके आधार पर व्यवस्था में सुधार के लिए कदम उठाए जाएँगे। छात्रावासों में सुविधाओं की कमी और अव्यवस्थाओं की बात बार-बार सामने आती है। इसको लेकर विधानसभा में भी प्रश्न उठते रहे हैं। छात्रावास व्यवस्था में सुधार की अनुशंसा करने के लिए सरकार ने पहले सभी संबंधित विभागों के मंत्रियों और अधिकारियों की समिति का गठन किया। अब छात्रावास की वास्तविक स्थिति का आंकलन करने के लिए अधिकारियों को भेजने का निर्णय लिया है। ये अधिकारी आवंटित जिलों के छात्रावास आश्रमों का निरीक्षण करेंगे। इसमें जो कमियाँ दिखाई देंगी, उनमें सुधार को लेकर संबंधित विभाग के अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव को प्रतिवेदन देंगे। संभाग के प्रभारी अपर मुख्य सचिवों भी प्रतिवेदन दिया जाएगा ताकि वे भी नियमित निगरानी कर सकें। उज्जैन संभाग के लिए आईएएस अधिकारी डॉ. संजय गोयल को जवाबदारी दी गई है, वह शीघ्र ही उज्जैन सहित संभाग के छात्रावासों का औचक निरीक्षण करेंगे।
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