
इंदौर। डायवर्शन टैक्स (Diversion Tax) वसूली के लिए शासन (Government) द्वारा दिए गए टारगेट (Target) को पाने में इंदौर (Indore) जिला पिछड़़ा हुआ है। अन्य जिलों की तुलना में 10 प्रतिशत काम भी जिला नहीं कर पाया है। दिए गए 120 करोड़ के लक्ष्य में से सिर्फ 20 करोड़ की वसूली हो पाई है। पूरे प्रदेश में घटती रैंकिंग को संभालने के लिए कलेक्टर ने पांच रिटायर्ड अधिकारियों की पैनल तैयार कर वसूली अभियान छेड़ा है।
कनाडिय़ा से टारेगट पूरा करके दिखाएंगे
पूर्व अधिकारियों की गठित पैनल ने रणनीति बनाकर खाका तैयार कर लिया है। सबसे पहले कनाडिय़ा व बिचौली तहसील से वसूली की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। समिति के अधिकारियों के अनुसार दो तहसीलों को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लेकर काम करके दिखाएंगे। ज्ञात हो कि पूर्व में भू-अभिलेख विभाग के माध्यम से डायवर्शन वसूली होती आई है, लेकिन जब से तहसीलदारों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है, तब से इंदौर जिला पिछड़ता जा रहा है, जबकि भू-अभिलेख विभाग का अमला सीमित है और तहसीलदार व उनके मातहतों की संख्या ज्यादा है।
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