
नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में छह मुख्य संसदीय सचिव (Chief Parliamentary Secretary) मामले पर सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पर टिकी हुई थीं। हाईकोर्ट की तरफ से सीपीएस की नियुक्तियां रद्द करने के खिलाफ राज्य सरकार (Government) की तरफ से चुनौती दी गई थी, जिसके लिए ऑनलाइन याचिका को दाखिल किया गया था।
अब सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा नियुक्त हिमाचल प्रदेश के छह मुख्य संसदीय सचिवों को अयोग्य ठहराए जाने पर रोक लगा दी है। पीठ ने हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के उस निर्देश पर रोक लगा दी जिसमें राज्य में मुख्य संसदीय सचिवों और संसदीय सचिवों की नियुक्ति के अधिकार को असंवैधानिक घोषित किया गया था।
न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायाधीश संजय कुमार की पीठ ने कहा कि मुख्य संसदीय सचिव के तौर पर छह विधायकों की नियुक्ति रद्द करने के हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के तहत आगे कोई कार्यवाही नहीं की जाएगी। हालांकि, अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार द्वारा अब कोई और नियुक्ति नहीं की जाएगी, क्योंकि यह कानून के उलट होगा।
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