उज्जैन । हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष (Krishna and Shukla Paksha) की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। इस दिन भगवान शिव (Lord Shiv) और मां पार्वती की उपासना संध्याकाल में करने का विधान है। साथ ही सभी कार्यों में सफलता प्राप्ति के लिए दान भी किया जाता है। अगर आप भगवान शिव को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2024) की पूजा के दौरान शिव रामाष्टक स्तोत्र का पाठ करें। मान्यता है कि इसका पाठ करने से जातक सभी पापों से मुक्त हो जाता है। साथ ही सफलता, सुख, और समृद्धि में वृद्धि होती है।
प्रदोष व्रत 2024 शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 12 दिसंबर को देर रात 10 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 13 दिसंबर को शाम 07 बजकर 40 मिनट पर त्रयोदशी तिथि समाप्त होगी। इस प्रकार 13 दिसंबर (Pradosh Vrat 2024 Date) को मार्गशीर्ष माह का अंतिम प्रदोष व्रत किया जाएगा। इस दिन प्रदोष काल संध्याकाल 05 बजकर 26 मिनट से लेकर शाम 07 बजकर 40 मिनट तक है।
प्रदोष व्रत के मंत्र
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
शिव स्तुति मंत्र
द: स्वप्नदु: शकुन दुर्गतिदौर्मनस्य, दुर्भिक्षदुर्व्यसन दुस्सहदुर्यशांसि।
उत्पाततापविषभीतिमसद्रहार्ति, व्याधीश्चनाशयतुमे जगतातमीशः।।
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