
नई दिल्ली । कंकड़बाग (PebbleBag)स्थित पाटलिपुत्र खेल परिसर (Patliputra Sports Complex)में महिला खिलाड़ी से छेड़खानी (molesting a female player)और दुष्कर्म की कोशिश (attempted rape)का मामला प्रकाश में आया है। यह आरोप बिहार वेटलिफ्टिंग एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अरुण कुमार केसरी पर पूर्व भारोत्तोलन महिला खिलाड़ी ने लगाया है। इस मामले में पीड़िता ने कंकड़बाग थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। कंकड़बाग थानेदार नीरज कुमार ठाकुर ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है। पीड़िता ने बताया कि वह पूर्व भारोत्तोलन खिलाड़ी और लेवल-2 की तकनीकी पदाधिकारी हैं। वह रेफरी के लिए योग्य हैं।
बावजूद पिछले कई राज्य एवं राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उनका नाम तकनीकी पदाधिकारी के रूप में नहीं भेजा जा रहा था। इस मामले में उन्होंने चार दिसंबर को फोन से बिहार वेटलिफ्टिंग एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष से बात की। पूर्व अध्यक्ष ने शुक्रवार को उन्हें मिलने के लिए पाटलिपुत्र खेल परिसर स्थित वेटलिफ्टिंग एसोसिएशन के कार्यालय में बुलाया।
मगर उन्होंने व्हाट्सएप मैसेज भेजकर बताया कि वह बीएसएसए के डीजी के साथ राजगीर जा रहे हैं, इसलिए मिलने के लिए सात दिसंबर को फोन करने को कहा। पीड़िता ने बताया कि 7 दिसंबर की दोपहर उन्होंने पूर्व अध्यक्ष को कॉल की, लेकिन इसका उन्होंने जवाब नहीं दिया। लिहाजा वह दोपहर में उनके दफ्तर पहुंच गईं।
एसोसिएशन के दफ्तर में मिलने पहुंची थी महिला
पीड़िता ने बताया कि वह वेटलिफ्टिंग एसोसिएशन के कार्यालय पहुंचीं तब पूर्व अध्यक्ष वहां अकेले थे। आरोप लगाया कि थोड़ी देर बात करने के बाद अरुण केसरी ने उनसे कहा कि यदि तुम मुझे खुश नहीं करोगी तो मैं तुम्हें किसी भी प्रतियोगिता में रेफरी नहीं बनाऊंगा और तुम्हारा कॅरियर बर्बाद कर दूंगा। इसके बाद उन्होंने कार्यालय का दरवाजा बंद कर दिया और उससे जबरदस्ती करने लगे। मगर इसी बीच उन्होंने किसी तरह दरवाजा खोल लिया और कार्यालय के बाहर निकलकर घटना की सूचना पुलिस की डायल 112 सेवा को दी।
मुझे ब्लैकमेल करने को घृणित कोशिश केसरी
अरुण कुमार केसरी ने महिला खिलाड़ी के आरोपों को बेबुनियाद बताया है। कहा कि उन्हें ब्लैकमेल करने के लिए घृणित कोशिश की गई है। महिला खिलाड़ी जिस वक्त उनसे मिलने आई थी उस समय वहां गार्ड समेत करीब 25 मजदूर काम कर रहे थे। दरअसल रेफरी नहीं बनाए जाने को लेकर सारा षड्यंत्र रचा गया। वह बीते जून से ही वे बिहार वेटलिफ्टिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष नहीं हैं। ऐसी स्थिति में रेफरी नियुक्त करने का अधिकार भी उनके पास नहीं है। बावजूद इसके दबाव बनाने के लिए उनपर झूठा मुकदमा कराया गया।
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