
नई दिल्ली । पूर्व इसरो प्रमुख के राधाकृष्णन की अध्यक्षता में शिक्षा मंत्रालय (Ministry of Education) द्वारा गठित कमिटी ने पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए आम चुनाव की तरह नीट, सीयूईटी और यूजीसी-नेट जैसी महत्वपूर्ण राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षाओं (National entrance examinations) को आयोजित करने का प्रस्ताव दिया है। पैनल द्वारा सुझाव दिया गया है कि इन परीक्षाओं के आयोजन के तहत राज्य सरकार के साथ केंद्र को भी सहयोग करना चाहिए। लोकसभा चुनाव प्रक्रिया की तरह ही इन परीक्षाओं के आयोजन के लिए समान रूपरेखा तैयार की जानी चाहिए, जिसमें जिला कलेक्टर तक पूरे राज्य प्रशासनिक तंत्र को शामिल किया जाता है।
बताया गया कि हर परीक्षा केंद्र में एनटीए का एक प्रीसाइडिंग ऑफिसर होना चाहिए, जो ओवर ऑल इंचार्ज होगा। इस ऑफिसर की यह जिमीदारी रहेगी कि प्रक्रिया निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार हो, ठीक उसी तरह जैसे मतदान केंद्रों को मैनेज किया जाता है। एनटीए पर सभी नेशनल लेवल के एन्ट्रेंस एग्जाम आयोजित करने की जिम्मेदारी है।
पैनल द्वारा यह सुझाव दिया गया कि जैसा कि चुनाव के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों वाले कमरों को मतदान अधिकारियों और उम्मीदवारों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में सील कर दिया जाता है और मतगणना के दिन तक उनकी सुरक्षा की जाती है। उसी तरह परीक्षा से पहले ही जिला प्रशासन और पुलिस की उपस्थिति में टेस्टिंग सेंटर को सील कर देना चाहिए। परीक्षा के लिए टेस्टिंग सेंटर को अनसील करने तक प्रशासन और एनटीए अधिकारियों द्वारा इन केंद्रों की हिफाजत की जानी चाहिए।
इस प्रक्रिया के लिए राज्यों और जिलों के साथ सहयोग हेतु, पैनल ने राज्य और जिला-स्तरीय समन्वय कमिटी की स्थापना करने की बात सामने रखी है, और भूमिका को लेकर सुझाव भी दिया है। स्टेट लेवल कमिटी का नेतृत्व नोडल अधिकारी द्वारा किया जाएगा, जिसे चीफ सेक्रेटरी द्वारा नॉमिनेट किया जाएगा। इसके साथ ही राज्य पुलिस का एक प्रतिनिधि, एक सहायक खुफिया ब्यूरो अधिकारी, एक स्टेट लेवल एनआईसी (राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र) अधिकारी, और एनटीए डायरेक्टर जनरल द्वारा नामित एक नोडल अधिकारी भी शामिल किए जाएंगे।
डिस्ट्रिक्ट लेवल कमिटी का जिम्मा जिला मजिस्ट्रेट संभालेंगे। इस कमिटी में एक आईबी अधिकारी, जिला पुलिस बल के प्रमुख, एनआईसी अधिकारी, और एनटीए के जिला नोडल अधिकारी शामिल होंगे।
स्टेट लेवल कमिटी नीट, सीयूईटी और यूजीसी-नेट जैसी परीक्षाओं के लिए स्ट्रैटिजी तैयार करेगी ताकि निष्पक्ष, पारदर्शी और गलती रहित परीक्षाएं कराई जा सकें। वहीं, डिस्ट्रिक्ट लेवल कमिटी को पेपर लीक की पिछली घटनाओं, पूर्व में आयोजित परीक्षाओं की जांच, केंद्र के मालिकों की पृष्ठभूमि का विश्लेषण, और आईबी या स्थानीय खुफिया इकाई की जानकारी के आधार पर उपयुक्त परीक्षा केंद्रों की पहचान करनी है। साथ ही पुलिस या अर्धसैनिक बल की पर्याप्त सुरक्षा के साथ प्रश्न-पत्रों को परीक्षा केन्द्रों तक सुरक्षित पहुंचाने की स्ट्रैटिजी भी तैयार करनी चाहिए।
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